ब्रजभूमि के बरसाना में संतों की नगरी बसाई गई है. जहां मिट्टी की गंध है फूलों की खुशबू है और खूब सारा सुकून है, ताकि कान्हा की भक्ति और भजन में संतों को कोई विघ्न न आए. दरअसल मथुरा के बरसाना में संतों के लिए एक इको फ्रेंडली आश्रम तैयार किया गया है. जिसमें 108 इको फ्रेंडली कमरे बनाए गए हैं. इन घरों के प्लास्टर में कहीं भी सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है बल्कि उसकी जगह गोबर के लेप का इस्तेमाल हुआ है. इन संतों की कुटिया में जरूरत की सभी सुविधाएं मौजूद हैं. बस मोबाइल की मनाही है, क्योंकि संतों का मानना है कि ध्यान और भजन में मोबाइल सबसे बड़ा बाधक है.
An ashram has been prepared in Barsana of Mathura. Which is completely eco-friendly and also free of cost. The most special thing about this ashram is the calm atmosphere here.