महादेव की नगरी काशी में मॉरिशस के प्रधानमंत्री की यात्रा पर लोक कला और परंपराओं की खास झलक देखने को मिली. मॉरिशस के प्रधानमंत्री का स्वागत पूर्वांचल के लोकगीत, संगीत और नृत्य से किया गया. वाराणसी की सड़कों पर लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुति हुई. काशी में लोक परंपरा का गान हुआ, जहाँ लोक नृत्य और संगीत से शहर में आए मेहमान का सम्मान किया गया. मॉरिशस के भारतीयों के बीच वही भोजपुरी बोली जाती है जो उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल और बिहार में जनजन की भाषा है. प्रवासी भारतीयों की शानदार तादाद के कारण मॉरिशस को लघु भारत माना जाता है. सैकड़ों साल पहले मज़दूरों के रूप में मॉरिशस पहुंचे भारतीय पुरखों ने हिंद महासागर के इस द्वीप को अपना आशियाना बनाया. भारतीय संस्कृति अभी भी उनके दिलों में धड़कती है. इस यात्रा ने भारत और मॉरिशस के बीच के गहरे संबंध को दर्शाया. "देश वाले ही अलग है, लेकिन भारत के साथ इनका रिश्ता दिल का है, जो हमेशा कायम रहने वाला है"