गणेश उत्सव के दौरान मुंबई में एक खास और अनोखा इको-फ्रेंडली मेला लगाया गया है. इस मेले में मनमोहक रूप में गणपति भगवान और उनके मूषक नजर आते हैं. इस आकर्षक कला को आकार देने वालों के अनुसार, यह मेला पिछले कुछ साल से मिनिएचर कॉन्सेप्ट के साथ चलाया जा रहा है. त्योहारों को देखते हुए इस मेले में इंसान नहीं बल्कि बाप्पा और मूषक को बैठाया गया है. इस तरह की कला को बनाने के लिए हर तरह के कैरेक्टर और चीजों की स्टडी करनी पड़ती है. इस आर्ट को बनाने में पेपर और इको-फ्रेंडली मटेरियल का इस्तेमाल होता है, यानी गणपति और मूषक के अलावा सजावट भी इको-फ्रेंडली चीजों से ही तैयार की जाती है. मुंबई में जो भी यूनिक कॉन्सेप्ट होते हैं, जैसे गणपति लोकल ट्रेन या बस में, उसी तरह हर साल मिनिएचर कॉन्सेप्ट में कुछ नया किया जाता है. इस साल मुंबई के मेलों को ध्यान में रखते हुए बाप्पा को मेले के अंदर कैसे दिखेंगे, यह दर्शाया गया है. मेले में मानव आकृतियों की जगह मूषक को बिठाया गया है, जिससे बाप्पा का एक मेला जैसा माहौल बनाया गया है. इस कॉन्सेप्ट को पांच साल पहले शुरू किया गया था, और गणपति 14 साल से लाए जा रहे हैं.