निसार सैटेलाइट, नासा और इसरो का एक महत्वपूर्ण संयुक्त मिशन है. इस सैटेलाइट को बनाने में दस साल लगे और इस पर लगभग 1.5 बिलियन डॉलर खर्च हुए हैं. यह सैटेलाइट 2.9 टन वजनी है और इसे जीएसएलवी मार्क टू रॉकेट का उपयोग करके लो अर्थ ऑर्बिट में लॉन्च किया जाएगा. यह ऑप्टिकल इमेजिंग के बजाय रडार तकनीक का उपयोग करता है और इसमें 12 मीटर व्यास का एक रिफ्लेक्टर भी है. यह सैटेलाइट प्राकृतिक आपदाओं, पृथ्वी की गतिविधियों और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए स्पष्ट तस्वीरें प्रदान करेगा. इसका उपयोग आपदाओं की रोकथाम और अध्ययन के लिए किया जा सकता है.