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Earthquakes में नर्सों का साहस: असम और चीन में बचाई मासूमों की जान

कहते हैं जिन्हें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होता है उन्हें मुश्किल वक्त भी हरा नहीं पाता. असम के एक अस्पताल से दो नर्सों की आई एक तस्वीर इसी जिम्मेदारी का एहसास करा रही है. इन दोनों नर्सों ने भूकंप के बीच अपनी जान की परवाह किए बिना एनआईसीयू में मासूमों की जान बचाई. दरअसल, असम में कल 5.9 तीव्रता का भूकंप आया तो धरती हिल गई. लेकिन अस्पताल में दो नर्स अपनी जान की परवाह किए बगैर नवजात बच्चों की जान बचाती रहीं. भूकंप तेज था तो सभी लोग घबरा कर अपनी जान बचाने में इधर-उधर दौड़ रहे थे. लेकिन नर्सिंग होम के एनआईसीयू में दो नर्स मासूमों की रक्षा कर रही थीं. नर्सों के हौसले को सलाम करने के लिए हॉस्पिटल मैनेजमेंट की तरफ से पुरस्कार देने की घोषणा की गई. बुलंद हौसलों की ऐसी ही तस्वीर इस साल मार्च में चीन से भी सामने आई है, जहां दो नर्सों ने बहादुरी और इंसानियत की मिसाल कायम की है. चीन के यूनान के एक अस्पताल में मैटरनिटी वार्ड में इन दो नर्सों ने नवजात बच्चों के लिए खुद की जान भी जोखिम में डाल दी.