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Sindoor Mango: सेना को सिंदूर आम से सलाम, किसानों को भी फायदा, देखिए

उत्तराखंड के पंतनगर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने आम की एक नई प्रजाति विकसित की है. इस प्रजाति को 'सिंदूर' नाम दिया गया है और इसे सेना के शौर्य के प्रति समर्पित किया गया है. यह आम अन्य आमों से अलग है क्योंकि यह देर से पकता है. आमतौर पर जुलाई तक आम की फसलें समाप्त हो जाती हैं, लेकिन यह आम सितंबर महीने में पककर तैयार होता है. इस आम की खासियत है कि इसमें शुगर और एसिड का मिश्रण बहुत अच्छा है, जो सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है. एक फल का वजन लगभग 200 से 250 ग्राम तक होता है और पकने के बाद यह बिल्कुल पीले रंग का हो जाता है. इस आम को सेंट्रल इंस्टीट्यूट हॉर्टिकल्चर, लखनऊ में जमा किया गया है और इसका आईसी नंबर नेशनल ब्यूरो प्लांट एंड जेनेटिक रिसोर्सेज से प्राप्त किया गया है.