पूर्व सैनिकों के संगठन 'सिपाही' ने सात राज्यों से राखियां इकट्ठा की हैं, जिन्हें सीमा पर तैनात फौजियों तक पहुंचाया जाएगा. यह मुहिम 2023 में शुरू हुई थी. क्योंकि दूरदराज के इलाकों में पोस्ट से राखी का पहुंचना मुश्किल होता है. पूर्व सैनिकों का कहना है कि रक्षाबंधन पर सभी सैनिकों को राखी नहीं मिल पाती, जिससे उन्हें बुरा लगता है. "अगर किसी एक की आ गई तो चुपचाप जाके वो मंदिर में बंधवा लेता है कि मेरे बाकी दोस्तों को तकलीफ हो जाएगी. उनको उनको बुरा लग जाएगा तो ये भावना हम बहुत अच्छी तरह से जानते हैं." इस बार लगभग 12,21,000 राखियां इकट्ठा की गई हैं. इन राखियों के साथ एक चुटकी मिट्टी और एक पत्र भी भेजा जाता है. ये राखियां सेना के ट्रकों में मुख्यालय भेजी जाएंगी और फिर अलग-अलग यूनिटों तक पहुंचाई जाएंगी.