इटावा में गैर-ब्राह्मण कथावाचकों पर शुरू हुए विवाद के बाद अब यह मामला सियासी अखाड़े में तब्दील हो गया है. समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री और अन्य कथावाचकों पर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने सवाल उठाया है कि धीरेंद्र शास्त्री और उनके जैसे कथावाचक कथावाचन के लिए 50 लाख रुपये तक लेते हैं. इस बयान पर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने पलटवार करते हुए कहा कि 'अगर उनकी आलोचना से किसी की रोटी चलती है तो ठीक है.' धीरेंद्र शास्त्री पर अखिलेश के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी ने अखिलेश यादव पर संतों का अपमान करने और सनातन को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया है. अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने भी अखिलेश यादव पर हिंदुओं को आपस में लड़ाने का आरोप लगाया है. धीरेंद्र शास्त्री ने इटावा के दोनों यादव कथावाचकों का बचाव करते हुए कहा था कि भागवत कथा कहने का अधिकार सभी को है. उन्होंने जाति से ऊपर उठकर हिंदू धर्म के उत्थान की बात कही है. इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी और बीजेपी आमने-सामने हैं और एक-दूसरे पर धर्म और जाति की सियासत करने का आरोप लगा रहे हैं.