सावन का महीना शुरू होने से पहले ही वैद्यनाथ धाम में 'बोल बम' के जयकारे गूंज रहे हैं. सावन में लाखों कावड़िये बाबा का जलार्पण करने आते हैं, जिससे भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ होती है. इस भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन और मंदिर प्रशासन ने 11 जुलाई से 9 अगस्त तक स्पर्श पूजा पर रोक लगा दी है. इसके स्थान पर, तीर्थ पुरोहितों ने श्रद्धालुओं के लिए अर्घ माध्यम की व्यवस्था की है. इसका अर्थ है कि बाबा वैद्यनाथ को जल चढ़ाया जा सकता है, लेकिन अर्घा के जरिये, जिसके लिए एक अलग मार्ग तैयार किया गया है.