आज सावन की शिवरात्रि है, जो भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है. पुराणों में इसकी विशेष महिमा बताई गई है. मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था, जिससे उनका गला नीला पड़ गया था. देवताओं ने विष के प्रभाव को कम करने के लिए उनका अभिषेक किया, जिससे भगवान शिव प्रसन्न हुए और तभी से अभिषेक की परंपरा शुरू हुई. देशभर के कई शहरों में आस्था का उत्सव देखने को मिल रहा है. उज्जैन में भोर होते ही भस्म आरती की गई. देश के अलग-अलग कोनों से भक्त पवित्र जल लेकर शिवालयों में पहुंच रहे हैं. लाखों की संख्या में भक्त शिवालयों में पहुंचकर भगवान का विशेष श्रृंगार और अभिषेक कर रहे हैं.