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मंगल पर भारत की उड़ान! छात्रों ने बनाया GPS-मुक्त ड्रोन, रोवर से तेज, देखिए

शारदा यूनिवर्सिटी के तीन छात्रों की टीम ने इसरो की रोबोटिक प्रतियोगिता में एक खास ड्रोन पेश किया है. यह ड्रोन मंगल ग्रह पर खोज के लिए उपयोगी साबित हो सकता है. इस ड्रोन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह जीपीएस-मुक्त वातावरण में भी काम कर सकता है, जो मंगल ग्रह जैसे स्थानों के लिए महत्वपूर्ण है जहां सैटेलाइट काम नहीं करते. इसमें ऑन-बोर्ड नेविगेशन सिस्टम है जो खुद से रास्ता चुनता है और सुरक्षित जगह देखकर लैंड करता है. यह तेज हवाओं में भी अपनी स्थिति बनाए रखने में सक्षम है. टीम सूर्य नामक इस दल ने इसरो रोबोटिक चैलेंज (IROC-U 2025) में दूसरा स्थान हासिल किया. इस ड्रोन की क्षमता रोवर से कहीं अधिक है, "जो काम एक रोवर 3-5 दिन में करेगा वो काम इस तरह के ड्रोन 30-40 मिनट में करके आपको दे सकते हैं" यह भारत को मंगल ग्रह पर खोज में एक नई दिशा दे सकता है. केंद्रीय मंत्री ने टीम को सम्मानित किया. यह उपलब्धि भारत की वैज्ञानिक प्रगति को दर्शाती है.