शुभांशु शुक्ला की सबसे बड़ी खासियत ये है कि बड़ी से बड़ी कामयाबी को भी वो आखिरी मंजिल नहीं मानते बल्कि पड़ाव मानते हैं. उनकी जिस कामयाबी पर आज पूरे हिन्दुस्तान को फक्र हो रहा है वो कामयाबी भी उनके लिए एक पड़ाव की तरह है. क्योंकि एक्सियम-4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में जाने से पहले से ही उनकी निगाहें भारत के पहले स्वदेशी अंतरिक्ष मिशन गगनयान की तरफ है. आपको बता दें कि शुभांशु के मौजूदा मिशन से इसरो के गगनयान मिशन को काफी मदद मिलने वाली है.