बिहार के पूर्णिमा के सत्यम सुंदरम् ने एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद नौकरी न मिलने पर हार नहीं मानी। उन्होंने बांस को अपना हथियार बनाया और बैम्बू आर्किटेक्ट बन गए। सत्यम ने मणिपुर और असम से बांस की कला सीखी और रोज़मर्रा की ज़रूरतों से जुड़े उत्पाद बनाने लगे। आज वे 200 से ज़्यादा बांस के आइटम, जैसे कप, बोतलें और डेकोरेशन आइटम, देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सप्लाई कर रहे हैं।