जैसलमेर स्थित तनोट माता मंदिर भारत-पाक युद्ध के समय हुए एक चमत्कार का साक्षी है, जब पाकिस्तानी सेना द्वारा दागे गए अनेक बम मंदिर परिसर में गिरने के बावजूद नहीं फटे; जैसा कि कहा गया है, 'एक भी गोला शोला नहीं बन पाया.' इस घटना को देवी का आशीर्वाद माना जाता है और १९६५ के बाद से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान ही इस मंदिर की पूरी देखरेख व पूजा-अर्चना करते हैं, जहाँ वीर रस प्रधान एक घंटे की आरती होती है. तनोट माता, जिन्हें हिंगलाज माता का स्वरूप और आवण माता भी कहा जाता है, के बारे में यह भी मान्यता है कि उन्होंने युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सैनिकों को इस तरह भ्रमित किया कि वे आपस में ही लड़ने लगे थे.