तनोट माता को हिंगलाज माता का अवतार माना जाता है. 1965 और 1972 के युद्धों के दौरान मंदिर क्षेत्र में गिरे लगभग साढ़े चार सौ बमों में से अधिकांश नहीं फटे, जिससे यह कहा जाता है कि "वहाँ पर जो बचे या हमारी जमीन हम बचा पाए तो तनु माता की एक बड़ी कृपा रही है." सीमा सुरक्षा बल यहाँ पूजा और व्यवस्था का कार्य करता है. यह मंदिर 'बम वाली माता' और 'रुमाल वाली देवी' के नाम से भी जाना जाता है.