scorecardresearch

Shivaji के 12 किले बने विश्व धरोहर, महाराष्ट्र से तमिलनाडु तक जश्न का माहौल

छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा निर्मित 12 किले अब विश्व विरासत के तौर पर सहेजे जाएंगे. यूनेस्को ने इन किलों को अपनी विश्व धरोहर सूची में शामिल किया है. इनमें से 11 किले महाराष्ट्र में हैं, जबकि एक किला तमिलनाडु में स्थित है. यूनेस्को के इस फैसले के बाद पूरे महाराष्ट्र में खुशी का माहौल है. इन किलों के विश्व धरोहर सूची में शामिल होने से पर्यटन बढ़ने और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. सत्रहवीं से उन्नीसवीं सदी के बीच बने ये किले मराठा साम्राज्य की सैनिक कुशलता, रणनीति, दूरदर्शिता और वास्तुकला की उत्कृष्टता के प्रतीक हैं. इन किलों में साल्हेर, शिवनेरी, लोहागढ़, खंडेरी, रायगढ़, राजगढ़, प्रतापगढ़, सवर्णदुर्ग, पन्हाला, विजयदुर्ग, सिंधुदुर्ग और तमिलनाडु का जिंजी किला शामिल हैं. एक व्यक्ति ने कहा, "हम सबके लिए बहुत गर्व की बात है. छत्रपति शिवाजी ने जिस प्रकार से देश में स्वराज्य का, सुराज्य का, देश की एकता और अखंडता के लिए संघर्ष का, समन्वय विकास का और हरेक व्यक्ति को अंतिम छोर तक सम्मान देने का काम किया, हम सबको बहुत आज से घोरियांद महसूस होता है."