गुजरात के सूरत में एक अनोखी दोस्ती की कहानी सामने आई है, जो 80 साल से अधिक समय से कायम है. यह कहानी गुडवन् देसाई और बिपिन देसाई की दोस्ती से शुरू हुई, जो 1940 में स्कूल के दिनों से साथ थे. दोनों दोस्त स्वतंत्रता आंदोलन और इमरजेंसी के दौरान साथ जेल भी गए. उनकी दोस्ती इतनी गहरी थी कि दोनों परिवार एक ही घर में रहते हैं, जिसका नाम 'मैत्री घर' है. आज भी, गुडवन् देसाई और बिपिन देसाई के बेटे, पोते-पोतियां और परपोते-परपोतियां उसी घर में एक साथ रह रहे हैं.