विस्पी खराडी ने अपने दो बेटों, जिनकी उम्र 16 और 13 साल है, के साथ अपने पालन-पोषण के तरीके साझा किए, जिसमें दोस्ती पर जोर दिया गया. उन्होंने इस रूढ़िवादिता को चुनौती दी कि गुजराती खेल में रुचि नहीं रखते, यह कहते हुए कि सही सोच के साथ कुछ भी हासिल किया जा सकता है. वक्ता मैनिफेस्टेशन में 100% विश्वास व्यक्त करते हैं, यह बताते हुए कि वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने से पहले उन्हें विज़ुअलाइज़ करते हैं. वह अपनी ताकत और दैनिक दिनचर्या का श्रेय हनुमान जी के प्रति अपनी भक्ति को देते हैं, अपने दिन की शुरुआत हनुमान चालीसा से करते हैं. वह खुशी को सफलता से अधिक महत्वपूर्ण बताते हैं.