
गुजरात के पाटीदार समाज ने हाल ही में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक पहल करते हुए बहुओं को सम्मानित करने का कार्यक्रम आयोजित किया. यह कार्यक्रम उन बहुओं के लिए आयोजित किया गया, जो संयुक्त परिवार में 10 साल या उससे अधिक समय से रह रही हैं और परिवार के हर सदस्य की देखभाल में बहुत जरूरी भूमिका निभा रही हैं.
50 बहुओं को किया गया सम्मानित
इस सम्मान के लिए 400 फॉर्म भरे गए थे. फॉर्म में संयुक्त परिवार का नाम, उम्र, शिक्षा और कितने साल से अपने परिवार के साथ रह रहे हैं इसकी डिटेल मांगी गई थी, इन सभी 400 बहुओं को 6 महीने तक अलग-अलग लेवल पर टेस्ट किया गया. इसके बाद 'स्नेह मिलन-2024' नाम के समारोह में 50 बहुओं को सम्मानित किया गया. इन्हें लक्ष्मी माता की मूर्ति के साथ चांदी का मोमेंटो और सम्मान पत्र भी दिया गया.
संयुक्त परिवार को बढ़ावा देने की पहल
कार्यक्रम में उन बहुओं को विशेष सम्मान दिया गया जो अपने सास-ससुर, पति और बच्चों के साथ-साथ अन्य परिजनों के साथ संयुक्त परिवार की परंपरा को जीवित रखे हुए हैं. बहुओं को सम्मान देने की ये पहल समाज में संयुक्त परिवार को बढ़ावा देने, सिंगल फैमिली की प्रथा को तोड़ने, बहुओं का आत्मसम्मान को बनाए रखने और युवा पीढ़ी को रिश्ते और रिश्ते की मधुरता समझाने का एक भरसक प्रयास है. इस कार्यक्रम से बहू और बेटियों को ये भी समझाया गया की बेटी रिश्तेदारी तक और बहू बुर्जुग होने तक साथ रहती है, और अपने परिवार की इज्जत बढ़ाती है. इस कार्यक्रम में पाटीदार समुदाय के पांच हजार से ज्यादा परिवार शामिल हुए थे.
बहुएं घर में खुशहाली लाती हैं
कार्यक्रम में पाटीदार समाज के बड़े लोगों ने कहा कि आज के समय में संयुक्त परिवार में रहना और परिवार के हर सदस्य के हर लोग को एक साथ ले कर चलना आसान काम नहीं है. दिन-ब-दिन हर परिवार में अलग-अलग रहने वाले बुजुर्गों और बहू-बेटों की संख्या बढ़ती जा रही है.
ऐसी महिलाएं समाज के लिए प्रेरणा हैं, जो न केवल परिवार को जोड़कर रखती हैं, बल्कि हर चुनौती का सामना करते हुए परिवार की ताकत बनती हैं. ये बहुएं परिवार में खुशहाली ले आती है और परिवार को इनपर गर्व है. समाज के मुखिया के अनुसार जिस प्रकार हम गर्व से कहते हैं बेटी हमारा गौरव, उसी प्रकार हम गर्व से कहते हैं बहू-हमारा गौरव.