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India-South Korea: साउथ कोरियन स्टार्स की ऐसी दिवानगी, जिसे सुन आपके भी उड़ जाएंगे होश.. पुलिस न होती तो जाने क्या होता

इंदौर पुलिस ने सोशल मीडिया से प्रेरित 12 साल की बच्ची को साउथ कोरिया जाने से रोका, वह बस स्टैंड पर अकेली मिली थी. पुलिस ने फुर्ती से काम करते हुए बच्ची को सुरक्षित माता-पिता से मिलवाया.

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सोशल मीडिया पर दक्षिण कोरिया (South Korea) के यूथ स्टार्स से प्रभावित होकर एक 12 साल की बच्ची ने अपने परिवार को बिना बताए उस देश की यात्रा पर निकल पड़ी. हालांकि, इंदौर पुलिस की सतर्कता से यह प्रयास नाकाम हो गया और बच्ची को सुरक्षित उसके माता-पिता से मिला दिया गया.

बस स्टैंड पर अकेली मिली नाबालिग
19 सितंबर को इंदौर के सरवटे बस स्टैंड पर यह नाबालिग बच्ची अकेली घूमती हुई मिली. बस चालक ने उसे अकेले देखकर शक जताया और तुरंत छत्रीग्वालटोली पुलिस को इसकी जानकारी दी. पुलिस मौके पर पहुंचकर बच्ची को थाने लाई और पूछताछ की.

साउथ कोरिया जाना चाहती थी बच्ची
पूछताछ में बच्ची ने बताया कि उसने अपने माता-पिता को बिना बताए इंदौर का रुख किया. वह साउथ कोरियन युवा और बाल कलाकारों की वह फैन है. सोशल मीडिया पर उन्हें फॉलो करती है. इनसे मिलने के लिए वह घर छोड़कर साउथ कोरिया जाने के इरादे से निकल पड़ी थी.

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परिवार की तलाश में पुलिस की मशक्कत
शुरुआत में बच्ची ने खुद को खरगोन जिले का निवासी बताया. लेकिन वहां से कोई गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं होने पर शक गहराया. बाद में उसने बताया कि उसका परिवार हाल ही में महू (Mhow) शिफ्ट हुआ है.

पुलिस ने आगे की जांच में पाया कि बच्ची का परिवार वास्तव में बदगोंदा थाना क्षेत्र में रहता है. वहां भी कोई गुमशुदगी दर्ज नहीं थी. लेकिन स्थानीय स्तर पर मिली जानकारी और नेटवर्किंग की मदद से पुलिस ने बच्ची के माता-पिता को ढूंढ निकाला और उसे सुरक्षित उनके हवाले कर दिया.

पुलिस की पहल और जागरूक नागरिक की भूमिका
यह पूरा ऑपरेशन इंदौर पुलिस की उस पहल का हिस्सा है, जिसमें बस और ऑटो चालकों, होटल संचालकों और अन्य लोगों से लगातार संपर्क बनाए रखा जाता है. इसका मकसद है कि नाबालिग बच्चों से जुड़े किसी भी संदिग्ध मामले की तुरंत सूचना पुलिस को दी जाए.

इस मामले में बस चालक की सतर्कता ने बड़ी भूमिका निभाई. पुलिस अधिकारियों ने उसकी सराहना करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में जनता का सहयोग बेहद जरूरी है. समय पर दी गई सूचना ने बच्ची को सुरक्षित परिवार तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया.