
चोरी के किस्से तो आपने बहुत सुने होंगे लेकिन ऐसा प्रायश्चित नहीं देखा और सुना होगा जिसमें हर मिनट व्यक्ति को अपनी गलती का अहसास होता है. यहां एक चोर ने चोरी के 9 साल बाद प्रायश्चित करने की ठानी. कृष्ण ने 18 दिनों के युद्ध में पांडवों की रक्षा की और उनके एक मंदिर से कृष्णा के आभूषण चुराने वाले एक चोर को प्रायश्चित करने के लिए नौ साल लग गए. मामला ओडिशा के भुवनेश्वर का है.
साथ में लिखा सॉरी नोट
उस व्यक्ति ने गोपीनाथ मंदिर का कीमती सामान वापस कर दिया और अंग्रेजी में दो गुमनाम माफी नोटों में ऐसा करते हुए सॉरी कहा. नोट में लिखा है, 'मैं अपना नाम, पता या गांव नहीं बता रहा हूं.' गहनों का थैला गोपीनाथपुर में मंदिर के बगल में एक घर के बाहर रखा हुआ था. बैग में चोरी की गई टोपी, कान की बाली, कंगन और एक बांसुरी थी. ये सभी पीठासीन देवताओं कृष्ण और राधा के थे और लाखों की कीमत के थे.
दक्षिणा भी दी
इसके अलावा चोर ने जितना लिया उससे अधिक पैसे भी वापस कर दिए. चोर ने बैग में 301 रुपये छोड़ दिए जिसमें से 201 रुपये दक्षिणा (दान) और 100 रुपये जुर्माने के थे. उसने मई 2014 में सामान चुराने के बाद से हर मिनट पश्चाताप करने की बात कबूल की. मैंने इन 9 सालों में बहुत कुछ झेला है इसलिए मैंन भगवान के सामने सरेंडर करने और ज्वेलरी लौटाने की बात सोची.