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Ahmedabad plane crash में अकोला की बेटी ऐश्वर्या की अदम्य हिम्मत, पांचवीं मंजिल पर धुएं के गुबार में कंबल ओढ़कर बचाई जान, पिता को फोन कर सुनाई आपबीती

जैसे ही ऐश्वर्या को स्थिति की गंभीरता का अहसास हुआ, उसने तुरंत अपने कमरे में रखा कंबल उठाया और खुद को उसमें लपेट लिया. धुंध और दमघोंटू धुएं के बीच, उसने अपनी सूझबूझ से रास्ता तलाशा और पांचवीं मंजिल से नीचे उतरकर सुरक्षित बाहर निकल आई.

ऐश्वर्या तोषनीवाल ऐश्वर्या तोषनीवाल

जिंदगी और मौत के बीच जब कुछ पल का फासला होता है, तब हिम्मत और सूझबूझ ही इंसान को बचा सकती है. ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है अकोला की बेटी ऐश्वर्या तोषनीवाल की, जिसने गुजरात के अहमदाबाद में हुए भयावह प्लेन क्रैश में अपनी जान बचाने के लिए अद्भुत साहस दिखाया. बुधवार, 12 जून 2025 को हुए इस हादसे में, जब एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराया, तब ऐश्वर्या अपने हॉस्टल की पांचवीं मंजिल पर थी. धुएं के गुबार और आग की लपटों के बीच, उसने कंबल ओढ़कर अपनी जान बचाई और अपने परिवार को इस त्रासदी से उबरने की राहत दी. 

हादसे के बीच एक चमत्कार
ऐश्वर्या तोषनीवाल अहमदाबाद के गुजरात कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट मेडिकल कॉलेज में डीएम अंकोपैथोलॉजी की द्वितीय वर्ष की छात्रा हैं. हाल ही में अपने दादा का जन्मदिन मनाने के लिए वह अकोला गई थी और कुछ दिन पहले ही अहमदाबाद लौटी थी. हादसे के दिन, दोपहर 1:38 बजे, जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भर रही थी, ऐश्वर्या अपने हॉस्टल की दूसरी इमारत की पांचवीं मंजिल पर गहरी नींद में थी. अचानक एक जोरदार धमाका हुआ, और चारों ओर अफरा-तफरी मच गई. ऐश्वर्या ने बताया, "मैं नींद में थी, तभी एक तेज आवाज से मेरी आंख खुली. कमरा धुएं से भर चुका था, और बाहर से चीख-पुकार की आवाजें आ रही थीं."

कंबल बना ढाल, हिम्मत बनी हथियार
जैसे ही ऐश्वर्या को स्थिति की गंभीरता का अहसास हुआ, उसने तुरंत अपने कमरे में रखा कंबल उठाया और खुद को उसमें लपेट लिया. धुंध और दमघोंटू धुएं के बीच, उसने अपनी सूझबूझ से रास्ता तलाशा और पांचवीं मंजिल से नीचे उतरकर सुरक्षित बाहर निकल आई. इस दौरान उसके चेहरे, हाथ, और पैरों पर जलने के हल्के निशान आए, लेकिन उसकी हिम्मत ने उसे इस भयानक मंजर से बचा लिया. ऐश्वर्या कहती हैं, "वह पल मेरी जिंदगी का सबसे डरावना अनुभव था. धुआं इतना घना था कि कुछ दिखाई नहीं दे रहा था, लेकिन मैंने हार नहीं मानी."

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पिता को किया फोन
हादसे से बचने के बाद ऐश्वर्या ने सबसे पहले अपने पिता अमोल तोषनीवाल को फोन किया, जो उस वक्त अकोला के दुर्गा चौक में अपनी दुकान पर थे. बेटी की कांपती आवाज सुनते ही अमोल का दिल बैठ गया. उन्होंने बताया, "जब ऐश्वर्या का फोन आया, तो मैं घबरा गया. टीवी पर हादसे की खबरें देखकर तो मन सुन्न हो गया था. लेकिन जब उसने कहा कि वह सुरक्षित है, तो जान में जान आई." अमोल ने तुरंत दुकान बंद की और घर पहुंचे, जहां उनकी पत्नी माधुरी और ऐश्वर्या के दादा-दादी राहत के आंसुओं के साथ बेटी की सलामती की दुआ मांग रहे थे.

परिवार में राहत, दादा ने कहा- भगवान का शुक्र है
ऐश्वर्या के दादा, जिनका जन्मदिन मनाने वह हाल ही में अकोला आई थी, ने कहा, "हमारी पोती हमारे लिए सबसे अनमोल है. वह जन्मदिन पर मिलने आई थी, और फिर इस भयानक हादसे का सामना करना पड़ा. भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि वह सुरक्षित है." ऐश्वर्या की मां माधुरी ने भी बेटी की बहादुरी की तारीफ की और कहा, "हमारी बेटी ने न केवल अपनी जान बचाई, बल्कि हमें गर्व करने का मौका भी दिया." परिवार ने हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति गहरी संवेदना जताई और उनके लिए प्रार्थना की.

हादसे की भयावहता
12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के 30 सेकंड बाद ही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर थी, बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गई. इस हादसे में 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स की मौत हो गई, जबकि जमीन पर कम से कम 6 लोगों की जान चली गई. हादसे के कारणों की जांच चल रही है, जिसमें फ्लैप की खराबी, इंजन फेल्योर, और बर्ड स्ट्राइक जैसे कारणों पर विचार किया जा रहा है.