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अकोला में हजारों फूलों की प्रदर्शनी, 1200 से अधिक लोगों ने लिया इसमें हिस्सा, देखने पहुंचे हजारों लोग!

52 सालों से अकोला गार्डन क्लब लगातार आगे बढ़ा रहा है. क्लब की ओर से आयोजित दो दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो और सही मार्गदर्शन मिले, तो तपती धूप में भी हरियाली मुस्कुरा सकती है.

अकोला में हजारों पुष्पों की प्रदर्शनी अकोला में हजारों पुष्पों की प्रदर्शनी

अकोला जैसे भीषण गर्मी वाले शहर में गार्डनिंग करना आसान नहीं है. साल के छह महीने से ज्यादा समय तक यहां तापमान बेहद ऊंचा रहता है. ऐसे हालात में यहां पौधों को जीवित रखना, फूल खिलाना और हरियाली बनाए रखना किसी चुनौती से कम नहीं. लेकिन अकोला के लोगों ने इस चुनौती को अवसर में बदल दिया है. जी हां, यहां के नागरिकों ने पर्यावरण संरक्षण और गार्डनिंग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना लिया है.

इसी सोच को पिछले 52 सालों से अकोला गार्डन क्लब लगातार आगे बढ़ा रहा है. क्लब की ओर से आयोजित दो दिवसीय पुष्प प्रदर्शनी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो और सही मार्गदर्शन मिले, तो तपती धूप में भी हरियाली मुस्कुरा सकती है.

गुलाब बने प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण
शहर के शुभमंगल कार्यालय में आयोजित इस पुष्प प्रदर्शनी में अकोला शहर और जिलेभर से करीब 1200 से अधिक गार्डनिंग प्रेमियों ने भाग लिया. प्रदर्शनी में कई तरह के फूलों के साथ-साथ फूलों के राजा गुलाब ने सबका दिल जीत लिया. लाल, गुलाबी, पीले, सफेद और दुर्लभ किस्मों के गुलाबों ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया. बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शनी देखने पहुंचे. कोई फूलों की तस्वीरें लेता नजर आया तो कोई गुलाबों के साथ सेल्फी खिंचवाता दिखा. पूरे परिसर में रंग-बिरंगे फूलों और खुशबू से अलग ही माहौल बना हुआ था.

टेरेस गार्डनिंग और सब्जी खेती का लाइव डेमो
इस पुष्प प्रदर्शनी की खास बात यह रही कि यहां केवल फूलों की प्रदर्शनी नहीं थी, बल्कि लोगों को गार्डनिंग से जुड़ी जरूरी जानकारियां भी दी गईं. टेरेस गार्डनिंग, घर में औषधीय पौधे लगाने और सीमित जगह में सब्जियां उगाने का लाइव प्रदर्शन किया गया. यहां विशेषज्ञों ने बताया कि छत पर गार्डनिंग के लिए कैसी मिट्टी और गमले चुनें, तुलसी, गिलोय, एलोवेरा और अजवाइन जैसे औषधीय पौधे घर में कैसे उगाएं. साथ ही बालकनी या आंगन में टमाटर, मिर्च, धनिया और मेथी जैसी सब्जियां कम पानी और कम लागत में कैसे तैयार की जा सकती हैं. यह जानकारी खासतौर पर शहरी परिवारों और युवाओं के लिए काफी उपयोगी साबित हुई.

आयोजकों और लोगों की प्रतिक्रिया
प्रदर्शनी देखने आए लोगों ने कहा कि अकोला जैसे गर्म शहर में गुलाबों के इतने सुंदर रंग और रूप देखना बेहद सुखद अनुभव है. साथ ही यह जानकर अच्छा लगा कि हम अपने घर में ही सब्जियां और औषधीय पौधे उगा सकते हैं. यह प्रदर्शनी मानसिक तनाव कम करने का भी काम करती है.

वहीं आयोजक शरद कोकाटे ने बताया कि अकोला देश के सबसे गर्म शहरों में गिना जाता है, इसके बावजूद यहां लोग बेहतरीन गार्डनिंग कर रहे हैं. पिछले 52 वर्षों से इस पुष्प प्रदर्शनी का आयोजन इसी उद्देश्य से किया जा रहा है कि शहर में हरियाली बढ़े और पर्यावरण के प्रति जागरूकता आए.

(रिपोर्टर: धनंजय साबले)

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