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आनंद महिंद्रा की मोटिवेशन हैं 82 साल की किट्टम्मल... पावरलिफ्टिंग में युवाओं को दे रही हैं मात

किट्टम्मल ने कुनियामुथुर में आयोजित ‘स्ट्रॉन्ग मैन ऑफ़ साउथ इंडिया’ प्रतियोगिता में सबको चौंका दिया. यहां उन्होंने 30 साल से कम उम्र की 17 महिलाओं के खिलाफ मुकाबला किया और महिला वर्ग में पांचवां स्थान हासिल किया.

Kittammal Paati Kittammal Paati

आनंद महिंद्रा की "मोटिवेशन" हैं 82 वर्षीय किट्टम्मल वी, जो तमिलनाडु के पोल्लाची की रहने वाली हैं. यह दादी मां साबित कर रही हैं कि उम्र ताकत की नहीं, इरादों की मोहताज होती है. किट्टम्मल ने पावरलिफ्टिंग चैम्पियनशिप में हिस्सा लेकर दुनिया को दिखा दिया कि हिम्मत और जुनून से कोई भी मंज़िल पाई जा सकती है.

हाल ही में, किट्टम्मल ने कुनियामुथुर में आयोजित ‘स्ट्रॉन्ग मैन ऑफ़ साउथ इंडिया’ प्रतियोगिता में सबको चौंका दिया. यहां उन्होंने 30 साल से कम उम्र की 17 महिलाओं के खिलाफ मुकाबला किया और महिला वर्ग में पांचवां स्थान हासिल किया. सबसे खास बात यह रही कि उन्होंने 50 किलो का डेडलिफ्ट कर दिखाया. किट्टम्मल को इस खेल में उतरने की प्रेरणा उनके पोते रोहित और ऋतिक से मिली, जिन्होंने उन्हें जिम में ट्रेनिंग लेने के लिए प्रोत्साहित किया.

किट्टम्मल की ट्रेनिंग और डाइट
किट्टम्मल ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में बताया कि उनके लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कोई नई बात नहीं थी. वह वर्षों से रोज़ाना 25 किलो के चावल के बोरे उठाती थीं और पानी की कई-कई बाल्टियां भरकर लाती थीं. यही घरेलू कामकाज उनकी ताकत की नींव बने.

पिछले एक महीने में, अपने पोतों की मदद से, उन्होंने जिम ट्रेनिंग शुरू की और डेडलिफ्टिंग की तकनीक सीखी. किट्टम्मल अपनी सरल और पौष्टिक जीवनशैली का भी श्रेय देती हैं, जो उनकी ऊर्जा का राज़ है. उनका डाइट कुछ इस प्रकार है:

  • रागी (फिंगर मिलेट) और बाजरे (पर्ल मिलेट) की खिचड़ी
  • अंडे
  • सहजन (मोरिंगा) का सूप
  • उबली हुई सब्ज़ियां

किट्टम्मल मानती हैं कि यह पारंपरिक और पोषक आहार ही उन्हें 82 की उम्र में भी एक्टिव रखता है.

सोशल मीडिया पर रिएक्शन
किट्टम्मल की उपलब्धि सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. नेटिज़न्स ने उनकी हिम्मत, मेहनत और जज़्बे की जमकर तारीफ़ की. बहुतों ने उन्हें "प्रेरणा की मिसाल" बताया और कहा कि उनकी कहानी साबित करती है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है.

लोगों का मानना है कि किट्टम्मल न केवल बुज़ुर्गों के लिए, बल्कि हर उम्र के लोगों के लिए रोल मॉडल बन चुकी हैं. उनकी यह उपलब्धि सिखाती है कि सबसे बड़ी बाधाएं अक्सर हमारे दिमाग में होती हैं, हकीकत में नहीं. अगर व्यक्ति पूरे दिल से अपने लक्ष्य का पीछा करे, तो कोई भी मुश्किल आसान हो सकती है.

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