
मेरठ की रहने वाली पारुल चौधरी ने देश को सोना दिला कर देश का मान बढ़ाया है. उन्होंने चीन में चल रहे एशियाई गेम्स 2023 में शानदार प्रदर्शन किया और गोल्ड मेडल जीता है. पारुल ने 5000 मीटर दौड़ के फाइनल में पहला स्थान हासिल कर एशियाई खेल 2023 में भारत को 14वां स्वर्ण पदक दिलाया. इससे पहले सोमवार को पारुल ने महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपल चेज में सिल्वर मेडल जीता था. पारुल मेरठ में दौराला क्षेत्र के इकलौता गांव निवासी किसान कृष्णपाल सिंह की बेटी हैं. पारुल द्वारा स्वर्ण पदक जीतने की खबर मेरठ पहुंची तो लोग खुशी से झूम उठे. पारुल के गांव में लोग परिजनों को बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं और एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी मना रहे.
किसान की बेटी हैं पारुल
हर किसी की जुबान पर बस पारुल का ही नाम है. पारुल चौधरी की इस कामयाबी से परिजनों में खुशी का माहौल. पारुल के चार भाई बहन हैं. पारुल अपने भाई बहनों में तीसरे नंबर की हैं. पारुल चौधरी के पिता कृष्ण पाल सिंह किसान है और माता राजेश देवी हाउसवाइफ हैं. दोनों ने ही बड़ी मेहनत से अपने बच्चों को पढ़ा लिखा के काफी परेशानियां झेल कर यहां तक पहुंचने में उनका साथ दिया है. पारुल के पिता कृष्ण पाल अपनी बेटी की इस कामयाबी से काफी खुश हैं. उन्होंने मिठाई खिलाकर और ढोल बजाकर अपनी खुशी का इजहार किया. परिजनों का कहना है कि पारुल ने बचपन में काफी परेशानियों से अपना वक्त गुजारा. पारुल साइकिल,पैदल और ऑटो में बैठकर मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडियम में अपनी प्रैक्टिस करने जाया करती थी. वह गांव से मेरठ के सिवाया टोल प्लाजा तक साइकिल से जाती थी और उसके बाद मेरठ के बेगम पुल तक ऑटो से जाती थी और बेगम पुल से कैलाश प्रकाश स्टेडियम तक पैदल जाया करती थी. बेगमपुर से कैलाश प्रकाश स्टेडियम की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है जबकि पारुल के गांव से बेगम पुल की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है.
करना चाहती हैं पुलिस की नौकरी
कृष्णपाल सिंह खेती करते हैं और उनके दो बेटे व दो बेटियां हैं. बड़ा बेटा राहुल दीवान टायर फैक्टरी में मैनेजर है, दूसरे नंबर की बेटी प्रीति सीआईएसएफ में स्पोर्ट्स कोटे से दरोगा है. तीसरे नंबर की पारुल चौधरी हैं. वह रेलवे में टीटीई हैं. चौथे नंबर का बेटा रोहित यूपी पुलिस में है. पारुल और प्रीति ने भराला गांव स्थित बीपी इंटर कॉलेज से कक्षा 10 व इंटर की पढ़ाई पूरी की है. इसके बाद मेरठ कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन की. पटियाला पहुंचकर विवि टॉपर रही.पारुल ने परिजनों को बताया कि वह गोल्ड मेडल पाने से काफी खुश है और वह जल्द ही पुलिस की नौकरी ज्वाइन करना चाहती हैं. परिजनों ने बताया कि सरकार ने यह फैसला किया है कि जो भी खिलाड़ी गोल्ड जीत कर लायेगा उसको पुलिस में डीएसपी के पद पर तैनात किया जाएगा.
(मेरठ से उस्मान चौधरी की रिपोर्ट)
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