scorecardresearch

बेंगलुरु में कुत्तों के लिए अनोखी पहल! चिकन राइस स्कीम के तहत कुत्तों को मिलेगा पौष्टिक खाना, 2.88 करोड़ रु. होंगे खर्च

यह योजना बेंगलुरु के आठ प्रशासनिक जोनों- ईस्ट, वेस्ट, साउथ, आरआर नगर, दसरहल्ली, बोम्मनहल्ली, येलहंका, और महादेवपुरा में लागू होगी. प्रत्येक जोन में 600-700 कुत्तों को रोजाना भोजन दिया जाएगा. प्रति जोन के लिए 36 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है.

Unique initiative for dogs in Bangalore Unique initiative for dogs in Bangalore

बेंगलुरु… जिसे भारत की सिलिकॉन सिटी के नाम से जाना जाता है, अब एक नई पहल के साथ चर्चा में है. ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिका (BBMP) ने शहर के 5,000 से ज्यादा स्ट्रीट डॉग्स को रोजाना चिकन राइस खिलाने की एक अनोखी योजना शुरू की है. इस ‘चिकन राइस भाग्य’ योजना के तहत BBMP ने 2.88 करोड़ रुपये का ग्रांट जारी किया गया है, जिसके जरिए शहर के आठ जोनों में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा.

BBMP की ‘चिकन राइस’ योजना
BBMP ने अपने पशु कल्याण और स्वास्थ्य विभाग के तहत शहर के 2.79 लाख स्ट्रीट डॉग्स की देखभाल के लिए एक नई पहल शुरू की है. इस योजना के तहत, प्रति कुत्ते 367 ग्राम चिकन राइस रोजाना उपलब्ध कराया जाएगा, जिसकी लागत 22 रुपये प्रति कुत्ता होगी. यह योजना कुक्कुर तिहार अभियान का हिस्सा है, जिसे पिछले साल 17 अक्टूबर 2024 को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया था.  

आठ जोनों में बंटेगा भोजन   
यह योजना बेंगलुरु के आठ प्रशासनिक जोनों- ईस्ट, वेस्ट, साउथ, आरआर नगर, दसरहल्ली, बोम्मनहल्ली, येलहंका, और महादेवपुरा में लागू होगी. प्रत्येक जोन में 600-700 कुत्तों को रोजाना भोजन दिया जाएगा. प्रति जोन के लिए 36 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिससे कुल लागत 2.88 करोड़ रुपये होगी.  

BBMP ने FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) के तहत पंजीकृत सर्विस प्रोवाइडर्स से टेंडर्स मांगे हैं, जो 18 जुलाई 2025 तक ऑनलाइन जमा की जा सकती हैं. 19 जुलाई 2025 को टेंडर्स खोले जाएंगे. 

गौरतलब है कि बेंगलुरु में 13,748 कुत्तों के काटने की घटनाएं पिछले छह महीनों में दर्ज की गई हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि भूख के कारण कुत्तों में आक्रामकता बढ़ती है. 2023 के BBMP सर्वे के अनुसार, शहर में 2.79 लाख स्ट्रीट डॉग्स हैं, जिनमें से 71.81% न्युटर्ड हैं. इस योजना से न केवल कुत्तों का स्वास्थ्य सुधरेगा, बल्कि समुदाय में सुरक्षा भी बढ़ेगी.