
जब योग की बात होती है, तो अक्सर लोग सूर्य नमस्कार का ज़िक्र करते हैं, जिसे ऊर्जा बढ़ाने वाला और दिन की शुरुआत के लिए उत्तम माना जाता है. लेकिन क्या आपने 'चंद्र नमस्कार' के बारे में सुना है? चंद्र नमस्कार भी एक योग अभ्यास है जिसे धीमी गति में किया जाता है. यह सुकून देने वाला योग अभ्यास है, जो शरीर, मन और भावनाओं के बीच संतुलन स्थापित करता है.
चंद्र नमस्कार क्या है?
चंद्र नमस्कार या "मून सैल्यूटेशन" योग की एक शीतल और शांत प्रकृति वाली प्रक्रिया है. यह सूर्य नमस्कार का ठंडा और संतुलित विकल्प माना जाता है. आमतौर पर इसे शाम के समय किया जाता है, जिससे मन को शांति और शरीर को विश्राम मिलता है.
चंद्र नमस्कार के फायदे
तनाव से राहत और मानसिक शांति
इस अभ्यास में गहरी सांस और शांत गति का उपयोग होता है, जो नर्वस सिस्टम को शांत करता है. इससे मानसिक तनाव कम होता है और एकाग्रता बेहतर होती है.
ऊर्जा संतुलन बनाए रखना
जिस प्रकार चंद्रमा ठंडक और संतुलन का प्रतीक है, वैसे ही चंद्र नमस्कार शरीर की गर्मी को शांत करता है और ऊर्जा का संतुलन बनाए रखता है.
लचीलापन और जोड़ों की देखभाल
इसमें हल्के स्ट्रेचिंग से जोड़ों को एक्टिव किया जाता है, जिससे मांसपेशियों में लचीलापन आता है और जोड़ों की गति सुधरती है.
पाचन और मेटाबॉलिज्म में सुधार
इसमें ऐसे आसन होते हैं जो पाचन तंत्र को सक्रिय करते हैं, जिससे मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है और शरीर की कार्यप्रणाली सुधरती है.
हार्मोन संतुलन में मददगार
चंद्र नमस्कार का प्रभाव ग्रंथियों पर भी होता है, जिससे हार्मोन संतुलित होते हैं. यह विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए उपयोगी है जो हार्मोनल असंतुलन से जूझ रही हों.
बेहतर नींद में मददगार
शाम को इस अभ्यास को करने से दिमाग शांत होता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है. यह अनिद्रा जैसी समस्याओं में सहायक हो सकता है.