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किसी समय में पॉकेट मनी जोड़कर बिजनेस शुरू करने वाले बिहार के सत्यम आज लोगों को दे रहे रोजगार

सत्यम को काम छोड़कर कोरोना के समय वापस घर आना पड़ा. इस दौरान उन्हें इस बिजनेस स्टार्टअप का ख्याल आया. शुरुआत खुद की पॉकेट मनी से की लेकिन बाद में सरकार से भी पैसे मिले तो बिजनेस अच्छा चल गया.

Satyam Satyam
हाइलाइट्स
  • पॉकेट मनी के पैसों से की शुरुआत

  • कोरोना में घर लौटे तो आया ख्याल

हिम्मत और हौसले से सब कुछ जीता जा सकता है. यही आपको मदद करता है और इसी की वजह से आपके ख्वाबों को हकीकत में बदलते देर नहीं लगती. पूर्णियां के रहने वाले सत्यम सुंदरम ने इसी को सच कर दिखाया है. सत्यम की उम्र 26 वर्ष है. उन्होंने कोलकाता से एमबीए की पढ़ाई पूरी की और नौकरी न करने की बजाए आत्मनिर्भर बनने की राह चुनी. आज वो आत्मनिर्भर बनकर दूसरों के लिए रोजगार के अवसर प्रदान कर रहे हैं. सत्यम के सपनों को पंख दिए प्रधानमंत्री सृजन कार्यक्रम ने, जिसके तहत उन्हें सहायता के तौर पर 10 लाख रुपये मिले. इन पैसों की मदद से सत्यम ने इनोवेटिव बैंबू का उद्योग शुरू किया.

बांस से बनाते हैं सुंदर समान
सत्यम ने अपनी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल करते हुए बांस से आधारित उद्योग लगाया है जहां वो बांस के फर्नीचर, पीने के पानी के लिए बॉटल और ज्वेलरी बॉक्स जैसी ढेरों आकर्षक चीजें बनाते हैं. ये सत्यम की मेहनत और जज्बे का नतीजा ही है कि उन्होंने एक दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार दिया है. सत्यम का कहना है कि यह तो शुरुआत है. आनेवालों दिनों में इस रोजगार से और भी लोग जुड़ेंगे. 

सत्यम का कहना है जीवन में कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता है. अगर लग्न, मेहनत व लक्ष्य साधकर काम किया जाए तो सफलता मिलना फिर कोई मुश्किल काम नहीं है. युवाओं को स्वरोजगार की तरफ प्रेरित होना चाहिए और खुद आत्मनिर्भर बनकर अन्य लोगों को भी राह दिखानी चाहिए. अभी हमने शुरुआत की है जैसे-जैसे इसकी डिमांड बढ़ेगी वैसे-वैसे रोजगार भी बढ़ेगा. 

कोरोना में घर लौटे तो आया ख्याल
सत्यम ने कहा कि हर मां-बाप की ख्वाइश होती है कि पढ़-लिखकर उसका बेटा सरकारी नौकरी करे लेकिन उसे बचपन से ही अपने शहर और बिहार में ही रहकर स्वरोजगार करने की कसक मन में हमेशा खलती थी. यही प्रेरणा उसे यहां तक खींच लायी. परिस्थिति भी ऐसी हुई कि कोरोना काल में उसे घर लौटना पड़ा. इस दौरान वह घर से ही ऑनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ स्वरोजगार की भी योजना बनाने लगा.

पॉकेट मनी के पैसों से की शुरुआत
सत्यम ने बताया कि रोजगार के लिए इतने पैसे नहीं थे लेकिन पॉकेट मनी से बचे पैसों से इसकी शुरुआत की गयी. बाद में पूर्णिया उद्योग विभाग से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत उन्हें 10 लाख का लोन दिया गया. उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ पहुंचाने में उद्योग विभाग के जीएम संजय कुमार वर्मा का भरपूर सहयोग मिला. इसके बाद उन्होंने बैंबू बेस्ड उद्योग स्थापित कर अपने सपने को सच किया.

सत्यम के इस इनोवेटिव आइडिया को खुद राज्यपाल ने सराहा और उन्हें सम्मानित भी किया गया. बीते 1 जून को खुद उद्योग मंत्री शहनवाज हुसैन सत्यम की इस अनूठी कोशिश को सराहने के लिए उनकी फैक्ट्री पहुंचे थे. 

(प्रफुल्ल झा की रिपोर्ट)