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Shoe Stealing Ritual: जूता चुराई में सालियों ने मांगे पैसे तो दूल्हे ने कह दिए अभद्र शब्द, शादी टूटने की आ गई नौबत

जूते-चप्पल चुराने की रस्म के दौरान दूल्हे और दुल्हन पक्ष में ऐसा बवाल मचा कि पूरी बारात सिर पर उठ गई. नौबत यहां तक आ गई कि दूल्हे ने गुस्से में माला और अंगूठी उतारकर फेंक दी और नंगे पैर ही लौटने लगा. वहीं, दुल्हन ने भी गुस्से में शादी से इनकार कर दिया.

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हाइलाइट्स
  • हंसी-मजाक बना झगड़े की वजह

  • शादी टूटने की आ गई नौबत

मथुरा के एक गांव में शादी के मौके पर जूता चुराई की रस्म के दौरान ऐसा बवाल मचा कि शादी टूटने होने की नौबत आ गई. आलम ये था कि दूल्हे ने गुस्से में माला और अंगूठी उतारकर फेंक दी और नंगे पैर ही लौटने लगा. वहीं, दुल्हन ने भी गुस्से में शादी से इनकार कर दिया.

हंसी-मजाक बना झगड़े की वजह
जानकारी के मुताबिक, 7 नवंबर को सुरीर इलाके के एक गांव में सहपऊ क्षेत्र से बारात आई थी. शादी का माहौल खुशियों से भरा था, रात्रिभोज चल रहा था. इसी दौरान दुल्हन पक्ष की लड़कियों ने रस्म के तहत दूल्हे के जूते छिपा लिए. मगर, मजाक को मजाक में लेने के बजाय दूल्हे का पारा चढ़ गया. उसने दुल्हन पक्ष की लड़कियों और सालियों से अभद्र शब्द कह दिए. यह बात दुल्हन पक्ष के लोगों को बेहद नागवार गुजरी.

दूल्हे ने उतारी माला, दुल्हन ने ठुकराई शादी
दुल्हन ने जब यह सब सुना तो वह भी नाराज हो गई. उसने साफ कहा कि जिस व्यक्ति में सम्मान की भावना नहीं, उससे वह शादी नहीं करेगी. वहीं, दूल्हे का गुस्सा भी शांत नहीं हुआ उसने गले से माला और अंगूठी उतारकर फेंक दी और नंगे पैर बारात लेकर लौटने लगा. यह नजारा देखकर दुल्हन पक्ष के लोग भड़क उठे और उन्होंने भी शादी तोड़ने का ऐलान कर दिया.

हंगामे के बीच हुई पंचायत
मामले ने इतना तूल पकड़ा कि दोनों पक्षों में देर रात तक हंगामा चलता रहा. दुल्हन पक्ष ने दूल्हे के बर्ताव के खिलाफ कार्यवाही की चेतावनी दी. आखिरकार, गांव के कुछ समझदार लोग बीच-बचाव के लिए आए. काफी मशक्कत के बाद दोनों पक्षों में समझौता हुआ. दूल्हा पक्ष ने अपनी गलती मानते हुए शादी में आए पूरे खर्चे की जिम्मेदारी ली. तब जाकर मामला शांत हुआ.

लोगों में चर्चा का विषय बनी घटना
यह अनोखा मामला अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है. आमतौर पर जूते चुराने की रस्म शादी की रौनक बढ़ाती है, लेकिन इस बार यह रस्म एक रिश्ते को टूटने की वजह बन गई. ग्रामीणों का कहना है कि थोड़ी-सी समझदारी और संयम से यह बवाल टल सकता था, लेकिन अहंकार ने रिश्ते की डोर को टूटने पर मजबूर कर दिया.

-मदन गोपाल की रिपोर्ट