
Cactus Lovers
Cactus Lovers अमूमन घर में फूलों के पौधे तो हर कोई लगाता है लेकिन कैक्टस के दीवाने आपको कम ही मिलेंगे. पर आज हम आपको मिलवा रहे हैं ऐसे लोगों से जिन्हें कैक्टस से प्यार है. कैक्टस के लिए उनका जुनून ऐसा है कि ये लोग 20-30 सालों से कैक्टस की अलग-अलग प्रजाति को कलेक्ट कर रहे हैं.
कई लोगों ने इन प्रजातियों को कलेक्ट करने के लिए देश के कोने-कोने में ही नहीं बल्कि विदेश तक की यात्रा कर ली है. दिल्ली के जनकपुरी दिल्ली हाट में Indian Society of Cacti and Succulents ने दो दिन के कैक्टस शो का आयोजन किया. यहां पर दुनिया भर से कैक्टस की 800 से ज्यादा प्रजाति लाई गई हैं. देश के कोने-कोने से लोग यहां पहुंचे है.
यहां लोगों के पास कैक्टस की बेहतरीन प्रजातियों का कलेक्शन है. कुछ लोग कैक्टस को बेचने आएं हैं तो कुछ लोग अपने अनोखे प्लांट को सिर्फ उनके दीवानों से मिलवाने लाएं हैं.

20 से ज्यादा राज्यों से इकट्ठा किया कैक्टस
डॉक्टर राम गांधी भी कैक्टस प्रेमी हैं. वह बताते हैं कि पिछले 40 साल से उन्हें कैक्टस के पौधे कट्ठा करने और लगाने का शौक है. वह कहते हैं कि जब शुरूआत की था 100-200 रुपए से 500 रुपए तक के पौधे लिया करते थे. आज वह हर साल कम से कम 20 हज़ार के कैक्टस के पौधे खरीदते हैं.
वह कहते हैं कि वह देश के लगभग 20 राज्यों से अब तक कैक्टस ला चुके हैं. राम गांधी के मुताबिक आजकल की लाइफ स्टाइल में कैक्टस सबसे अच्छा पौधा है क्योंकि अगर इसे आप पानी देना भूल भी जाते हैं तो भी यह मुरझाता नहीं है.
यूएस से लेकर यूरोप तक के कैक्टस
कैक्टस शो में अपने कैक्टस लेकर पहुंचे शैल झाम बताते हैं कि लगभग 20 साल पहले प्रगति मैदान से गुजरते हुए उन्होंने एक कैक्टस शो देखा था. वहां कैक्टस के बारे में जाना और तब से वह कैक्टस के दीवाने हो गए. शैल झाम का रियल स्टेट का बिजनेस है.
वह कहते हैं कि वह देश-विदेश जहां भी जाते हैं सबसे पहले वहां की लोकल नर्सरी में पहुंचते हैं और कैक्टस के बारे में पूछते हैं. कोई भी नई प्रजाति मिलती है तो ले आते हैं. उनके पास यूएस, ब्रिटेन, और यूरोप के भी कैक्टस हैं. शैल कहते हैं कि वह फैमिली के साथ घूमने भी जाते हैं तो बच्चों को शहर की सैर के लिए भेज देते हैं और खुद कैक्टस की तलाश में निकल पड़ते हैं.

घर में 4 हज़ार से ज्यादा कैक्टस प्लांट
Indian Society of Cacti and Succulents के प्रेजिडेंट पीएम मैथई भी कैक्टस के बहुत बड़े दीवाने हैं. वह कहते हैं कि उन्हें जिस भी देश में कैक्टस की नई प्रजाति के बारे में पता चलता है, वह उसके बीज मंगवा लेते हैं. वह कहते हैं कि कई लोगों को बना-बनाया पेड़ अच्छा लगता है लेकिन उन्हें बीज से पेड़ को तैयार करने में मजा आता है. मैथई बताते हैं कि उनके घर में कैक्टस के 4 हज़ार प्लांट्स हैं. कई बड़े पेड़ भी हैं जिनकी लंबाई चौड़ाई 4-8 फीट तक है.