
Fake SBI branch dupes villagers
Fake SBI branch dupes villagers ठगी और जालसाली के अलग-अलग तरीके तो आपने खूब सुने होंगे लेकिन क्या कभी फर्जी बैंक ब्रांच खुलने की खबर सुनी है. ऐसा मुमकिन हुआ है छत्तीसगढ़ में. यहां जालसालों ने ठगी के लिए पूरी की पूरी बैंक की ब्रांच ही नकली खोल दी. छत्तीसगढ़ के मालखरौदा थाना क्षेत्र के ग्राम छपोरा में एसबीआई की फर्जी ब्रांच खोली गई. यही नहीं, गांव के बेरोजगार युवकों से लाखों रुपए लेकर मैनेजर, कैशियर, फाइनेंस एडवाइजर सहित कई पदों पर जॉब भी ऑफर की गई. जॉब के नाम पर इन्हें ट्रेनिंग भी दी गई. हालांकि वे अपने मंसूबों को मुकाम तक पहुंचा पाते इससे पहले ही उनकी साजिश का पर्दाफाश हो गया.
कैसे खुली रातों-रात बैंक की ब्रांच
छत्तीसगढ़ के छपोरा गांव में जब स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की नई ब्रांच खुली तो ग्रामीणों में खुशी की लहर दौड़ गई. बैंक में खाता खुलवाने, पैसे जमा कराने और जॉब लेने के लिए ग्रामीण पहुंचने लगे. किसी को शक नहीं हुआ क्योंकि पूरा सेटअप बैंक की तरह था. ठग आपस में बेहद प्रोफेशनली बात कर रहे थे. गांव से लोगों को नौकरी पर भी रखा गया. सबकुछ सही चल रहा था लेकिन जब पुलिस ने छानबी की तो सारा काला चिट्ठा खुला.

ग्रामीण को हुआ शक
दरअसल ग्रामीण अजय कुमार अग्रवाल को पहली बार शक तब हुआ जब उन्होंने छपोरा लोकेशन में एसबीआई कियोस्क के लिए एप्लाई किया. उनका नजदीकी ब्रांच डबरा है इसलिए उन्हें संदेह हुआ कि रातों रात एसबीआई की नई ब्रांच कैसे खुल सकती है? इसके बाद जब उन्होंने डबरा ब्रांच मैनेजर को इसकी जानकारी दी तो फर्जीवाड़े का पता चला. जब फर्जीवाड़े की खबर एसबीआई मैनेजमेंट को मिली तो पुलिस को फर्जी शाखा के बारे में सूचना दी गई लेकिन जब तक पुलिस फर्जी बैंक शाखा पहुंचती इससे पहले ही कथित बैंक का मैनेजर फरार हो गया था.
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
मामले में पुलिस ने तीन नामजद सहित अन्य कर्मचारियों के खिलाफ बीएनएस 3(5), 318(4), 336, 338, 340 के तहत मुकदमा दर्ज किया है. मालखरौदा पुलिस ने जिन तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है, उनके नाम रेखा साहू, मनधीर व पंकज हैं. करीब 6 लोगों के साथ धोखाधड़ी की खबर सामने आई है.
जवान करने के नाम पर 35 करोड़ की ठगी
ठगी का एक ऐसा ही मामला कानपुर से सामने आया है, जहां एक पति-पत्नी ने बुजुर्गों को जवान करने की थेरेपी देकर करोड़ों की ठगी की है. दोनों ने एक थैरेपी सेंटर 'रिवाइवल वर्ल्ड' नाम से खोला, जिसमें बुजुर्गों को जवान करने की थेरेपी दी जाती थी. लोगों के बीच इस बात का प्रचार भी किया गया कि इजरायल से इस मशीन को मंगाया गया है, जो 60 साल के बुजुर्ग को 25 साल का नौजवान बना देती है. दोनों ने नेता, व्यापारी समेत कई बुजुर्गों को जवान करने के नाम पर 35 करोड़ ठग लिए.

थेरेपी के लिए पैकेज बनाए
कानपुर के किदवई नगर में किराए पर रहने वाले ठगों का नाम राजीव दुबे और रश्मि दुबे बताया जा रहा है. दोनों ने लोगों को बताया कि इस थेरेपी में एक चैंबर में हफ्ते में 5 दिन बैठाकर ऑक्सीजन दी जाएगी. थेरेपी के लिए 6 से लेकर 90 हजार तक के पैकेज थे. सबसे महंगा पैकेज 90 हजार में 10 थेरेपी सेशन का रखा गया था.
35 करोड़ रुपए लेकर विदेश भाग गए
दोनों ने 6 हजार रुपये में एक राउंड थैरेपी के चार्ज बताकर लोगों को जोड़ना शुरू किया. एक चेन सिस्टम बनाया, जिसमें और लोगों को जोड़ने पर फ्री में ट्रीटमेंट दिए जाने की स्कीम लोगों को बताई. इन पति-पत्नी ने बहुत से लोगों से पैसे लेकर यूं ही फर्जी तरीके से सेंटर में थेरेपी भी दी, लेकिन जवान होने में वक्त लगने और समय से थेरेपी होने की बात कहते रहे. कपल ने लोगों से कुल 35 करोड़ रुपए जमा किए और फिर रातों-रात घर खाली कर फरार हो गए. इस मामले में 15 लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है.