
हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है. इस मौके को खास बनाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों को बीज बॉल्स (Seed Balls) बांटी जाएंगी. दिल्ली एयरपोर्ट ने बुधवार को एक बयान में कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट की ग्रीन प्रैक्टिस के लिए कमिटमेंट है. एयरपोर्ट विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर यात्रियों को 6,000 से ज्यादा बीज बॉल्स बांटेगा. इस पहल का उद्देश्य यात्रियों को जंगल लगाने और पर्यावरण को संरक्षित करने में योगदान देने के लिए प्रेरित करना है.
होंगे इन पौधों के बीज
बताया जा रहा है कि सीड बॉल्स में नींबू, इमली और आंवला जैसे फलदार पेड़ शामिल हैं, साथ ही नीम और पीपल जैसे पर्यावरणीय रूप से लाभकारी पेड़ भी. इन प्रजातियों का चयन उनके पर्यावरणीय महत्व, औषधीय गुणों और विभिन्न जलवायु परिस्थितियों में पनपने की क्षमता के आधार पर किया गया है.
दिल्ली एयरपोर्ट ने यह भी कहा कि यह पहल केवल पेड़ लगाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका एक मजबूत सामाजिक पहलू भी है. इन सीड बॉल्स को लोकल समुदायों ने तैयार किया है, जिससे उन्हें रोजगार मिल रहा है. इनसे उगने वाले फलदार पेड़ ग्रामीण समुदायों के लिए सस्टेनेबल कमाई का जरिया हो सकते हैं.
प्रभावी और किफायती तरीका
आपको बता दें कि सीड बॉल्स पेड़ लगाने का एक प्रभावी और कम लागत वाला तरीका है. सीड बॉल्स बनाने के लिए यह मिट्टी और खाद के मिश्रण में बीजों को डालकर बॉल बना दी जाती है. फिर बारिश के मौसम में इन बॉल्स को खुली जगहों, पार्क्स, रास्तों के किनारे या जंगलों में फेंका जाता है. जब अनुकूल परिस्थितियां होती हैं, तो बीज अंकुरित होते हैं और इस तरह प्राकृतिक रूप से जंगलों को बढ़ाया जा सकता है.
ग्रीन एयरपोर्ट है दिल्ली एयरपोर्ट
आपको बता दें कि दिल्ली एयरपोर्ट लंबे समय से पर्यावरण के प्रति अनुकूल नीतियों के तहत काम कर रहा है. दिल्ली एयरपोर्ट एसीआई (ACI) के एयरपोर्ट कार्बन एक्रेडिटेशन प्रोग्राम में "नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन एयरपोर्ट" का दर्जा प्राप्त करने वाला भारत और एशिया का पहला एयरपोर्ट है. इस उपलब्धि को 2024 में हासिल किया गया.
दिल्ली एयरपोर्ट का टर्मिनल 3 भारत का पहला LEED गोल्ड सर्टिफाइड टर्मिनल है. इसके बाद, इसे 2016 में IGBC से प्लेटिनम लेवल पर सर्टिफिकेशन मिला. यह सर्टिफिकेट एनर्जी एफिशिएंसी, जल संरक्षण, वेस्ट मैनेजमेंट और रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल के आधार पर दिया गया. दिल्ली एयरपोर्ट में 7.84 मेगावाट की सोलर प्लांट स्थापित की गई. यह कदम एयरपोर्ट की बिजली की जरूरत को ज्यादा से ज्यादा क्लीन एनर्जी से पूरा करने के लिए उठाया गया है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली एयरपोर्ट में लगभग 350 रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हैं, जिनमें 6.9 मिलियन लीटर पानी स्टोर किया जा सकता है. इसके अलावा, शून्य तरल उत्सर्जन (Zero Liquid Discharge) सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गया है. एयरपोर्ट में बैटरी से चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल, इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन, और टैक्सीबोट्स जैसी पहलें अपनाई गई हैं, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मददगार हैं.