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Pride Month: Gay बेटे को नहीं मिल रही थीे सही साइज की हील्स तो मां ने शुरू किया बिजनेस, LGBTQ+ समुदाय को दिया प्लेटफॉर्म

दिल्ली में रहने वाली सिमी नंदा अपने बेटे आशीष चौपड़ा के साथ मिलकर BeUnic नामक स्टार्टअप चला रही हैं. जो LGBTQ+ समुदाय के लोगों के लिए अपने बनाए उत्पादों को मार्केट करने का एक अच्छा प्लेटफॉर्म है.

Mother-Son Duo (Photo: Instagram/@Beunic_India) Mother-Son Duo (Photo: Instagram/@Beunic_India)
हाइलाइट्स
  • जून को पूरी दुनिया में Pride Month के रूप में मनाया जाता है

  • मां-बेटे की इस जोड़ी ने LGBTQ+ समुदाय के लिए की BeUnic की शुरुआत

भारत में अगर किसी सिंगल मां को पता चले कि उनका बेटा समलैंगिक है तो ज्यादातर केस में वह अपनी किस्मत को कोसेंगी कि उनके साथ ऐसा क्यों हुआ. 55 वर्षीया सिमी नंदा के साथ भी यही हुआ. दिल्ली में रहने वाली सिमी को जब पता चला कि उनका बेटा आशीष चौपड़ा गे (समलैंगिक) है. 

इसके बाद उनकी दुनिया में मानो तुफान-सा आ गया. लेकिन धीरे-धीरे अपने बड़े बेटे विशेष चौपड़ा की मदद से उन्होंने आशीष को समझा और LGBTQ+ समुदाय के बारे में जाना. और सिमी अपने बेटे की कमजोरी नहीं बल्कि ताकत बन गईं. आज वह सिर्फ आशीष को नहीं बल्कि और भी बहुत से समलैंगिक बच्चों को सपेर्ट कर रही हैं. 

जून को LGBTQ+ Pride Month कहा जाता है. इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं कि कैसे यह मां-बेटे की जोड़ी LGBTQ+ समुदाय के लिए काम कर रही है. 

मां ने समझा आशीष की जरूरत को:

सिमी पिछले काफी सालों से फूटवियर इंडस्ट्री में काम कर रही हैं. वहीं, 27 वर्षीय आशीष एक HR प्रोफेशनल हैं. योर स्टोरी को दिए अपने एक इंटरव्यू में सिमी ने बताया कि साल 2018 में एक बार आशीष उनके पास आया और कहा कि उसे ड्रैग करने के लिए हील्स की जरूरत है. आपको बता दें कि ड्रैग एक कला है जिसके जरिए LGBTQ+ समुदाय के लोग खुद को अभिव्यक्त करते हैं. जिसमें लड़का लड़की की तरह ड्रेस-अप होकर तो वहीं लड़की लड़के की तरह ड्रेस-अप होती हैं. 

आशीष को अपनी परफॉर्मेंस के लिए हील्स चाहिए थीं. लेकिन बाजार में सिर्फ लड़कियों औप महिलाओं के साइज के हिसाब से हील्स बनती हैं. ऐसे में, सिमी को आइडिया आया कि कहीं बाहर ढूंढने की बजाय क्यों न वे खुद हील्स बनाएं. 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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मिलकर शुरू किया BeUnic 

सिमी को फुटवियर बिजनेस की अच्छी जानकारी थी और इसलिए उन्होंने तय किया कि वह सिर्फ LGBTQ+ समुदाय के लिए फुटवियर कलेक्शन बनाएंगे. अपने स्टार्टअप में सिमी, विशेष और आशीष को गौरव छिब्बर का साथ मिला. शुरूआत में उन्होंने खुद हील्स और दूसरे फुटवियर बनाए जिन्हें कोई भी पहन सकता था. 

लेकिन स्टार्टअप को आगे बढ़ाना आसान नहीं था. पहले साल उन्हें ज्यादा ऑर्डर नहीं मिले. लेकिन पीछे हटने की बजाय सिमी ने कुछ अलग किया. उन्होंने BeUnic को LGBTQ+ समुदाय के लोगों के लिए एक प्लेटफॉर्म की तरह प्रस्तुत किया. जिस पर आज बहुत से समलैंगिक और ट्रांस उद्यमी अपने बनाए प्रॉडक्ट्स जैसे कपड़े, जूते, स्टेशनरी, ज्वेलरी, होम डेकॉर आदि मार्केट कर रहे हैं. 

हर तरह से कर रहे हैं LGBTQ+ समुदाय को सपोर्ट

आज BeUnic प्लेटफॉर्म LGBTQ+ समुदाय को सिर्फ मार्केट का विकल्प नहीं दे रहा है. बल्कि यह इससे ज्यादा काम कर रहा है. इस प्लेटफॉर्म के जरिए समलैंगिक और ट्रांस लोगों को सोशल व मेंटल सपोर्ट दिया जाता है. सिमी खुद कई बार उनके माता-पिता और परिवार को समझाती हैं कि उन्हें अपने बच्चों को समझना होगा. 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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आज 30 से ज्यादा उद्यमी और डिज़ाइनर उनकी वेबसाइट पर अपने लगभग 400 उत्पाद बेच रहे हैं. और उनके बनाए प्रॉडक्ट्स सिर्फ LGBTQ+ समुदाय के लिए नहीं हैं बल्कि कोई भी उनकी वेबसाइट से शॉपिंग कर सकता है. और सबसे दिलचस्प बात है कि अपनी कमाई का एक हिस्सा वह समलैंगिक और ट्रांस लोगों को आगे बढ़ाने के लिए लगा रहे हैं.