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Direct Seeding of Rice Benefits: धान की सीधी बिजाई से मालामाल हो रहे हैं किसान, जानिए इसके फायदे

कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले में लगभग 16 हजार एकड़ भूमि पर धान की सीधी बिजाई के लिए किसानों ने "मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल पर आवेदन किया है ताकि सरकार की योजना का लाभ मिल सके.

Direct Seeding of Rice technique helping farmers to get more profit Direct Seeding of Rice technique helping farmers to get more profit

करनाल के किसान धान की सीधी बिजाई (Direct Seeding of Rice - DSR) तकनीक अपनाकर आर्थिक रूप से लाभांवित हो रहे हैं. इस पद्धति से किसानों की आमदनी बढ़ी है, पानी की खपत घटी है और मजदूरों की कमी की समस्या भी काफी हद तक हल हुई है. कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जिले में लगभग 16 हजार एकड़ भूमि पर धान की सीधी बिजाई के लिए किसानों ने "मेरी फसल मेरा ब्यौरा" पोर्टल पर आवेदन किया है ताकि सरकार की योजना का लाभ मिल सके.

5 सालों से धान की सीधी बिजाई
करनाल के रहने वाले किसान ईशम सिंह पिछले 48 सालों से खेती कर रहे हैं और पिछले 5 सालों से धान की सीधी बिजाई अपना रहे हैं. उनका कहना है कि यह पद्धति किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो रही है.

ईशम सिंह ने बताया, "धान की सीधी बिजाई पर सरकार ₹4,500 प्रति एकड़ अनुदान देती है. इस तकनीक से पानी की काफी बचत हो रही है. इसके अलावा, पहले धान की रोपाई के समय मजदूरों की कमी रहती थी, लेकिन अब यह समस्या भी खत्म हो गई है. खेत तैयार करने और रोपाई की लागत भी कम हो गई है. किसानों को इस पद्धति को अपनाना चाहिए, क्योंकि इसके फायदे ही फायदे हैं."

धान की सीधी बिजाई के फायदे

  • पानी की काफी बचत
  • रोपाई के लिए मजदूरों की समस्या का समाधान
  • खेत तैयार करने का खर्च कम
  • खाद और दवाइयों की खपत कम
  • फसल में बीमारियां कम
  • सरकार की तरफ से ₹4,500 प्रति एकड़ सब्सिडी
  • पैदावार पर कोई नकारात्मक असर नहीं

कृषि विभाग का क्या है कहना
करनाल के कृषि उप निदेशक वजीर सिंह ने बताया कि पहले धान की पारंपरिक रोपाई में पानी की खपत बहुत ज्यादा होती थी, जिससे हर साल भूजल स्तर 2 से 3 फीट तक गिर रहा था. मजदूरों की कमी भी एक बड़ी समस्या थी.

उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा धान की सीधी बिजाई को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को जागरूक किया जा रहा है. सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं. अब तक 16 हजार किसानों ने पोर्टल पर आवेदन किया है. कृषि विभाग की टीमों ने 8 हजार एकड़ की चेकिंग की है, जो सही पाई गई. अब किसानों को प्रति एकड़ ₹4,500 की सब्सिडी जारी की जाएगी."

वजीर सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि धान की सीधी बिजाई से पैदावार पर कोई असर नहीं पड़ता, बल्कि किसानों को हजारों रुपये प्रति एकड़ की सीधी बचत हो रही है.

(कमलदीप की रिपोर्ट)

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