eco friendly baraat
eco friendly baraat मार्च 2024 में जारी हुई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया का तीसरा सबसे प्रदूषित देश है. प्रदूषण के मामले में हम सिर्फ बांग्लादेश और पाकिस्तान से पीछे हैं. राजधानी दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई शहरों में वायु प्रदूषण बड़ी चिंता बनी रहती है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के एक इंजीनियर ने वायु प्रदूषण से लड़ने और उसके खिलाफ जागरुकता फैलाने का एक अनोखा तरीका चुना. वह अपनी बारात एक साइकिल पर लेकर गया.
साइकिल पर निकली इको-फ्रेंडली बारात
यह मामला उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले का है. छह महीने पहले कृषि विभाग में बतौर इंजीनियर काम करने वाले नमन तिवारी की शादी तय हुई थी. नमन के पिता पर्यावरण सेना नाम की संस्था के प्रमुख हैं. और उन्होंने ही नमन को अपनी बारात में प्रदूषण न्यूनतम करने का मश्वरा दिया. नमन भी इसके लिए राजी हो गए.
जब शादी का दिन आया तो बारातियों ने उनसे पूछा, बारात कैसे जाएगी? नमन ने जवाब दिया, साइकिल से. दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट 'इको-फ्रेंडली दूल्हे' नमन के हवाले से कहती है, "मैं कृषि विभाग में इंजीनियर हूं. इसलिए साइकिल बारात से निकाली. बारात में आतिशबाजी भी नहीं हुई."
भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार नमन के पिता अजय तिवारी ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देने के लिए यह बारात साइकिल से निकाली गई. उन्होंने कहा कि दिल्ली-एनसीआर की हवा सांस लेने लायक नहीं बची है. इसलिए पर्यावरण को लेकर अलर्ट रहना जरूरी है. और सभी को अपने-अपने स्तर पर कोशिश करनी चाहिए.
छतों से महिलाओं ने बनाए वीडियो
यह बारात करीब 10 किलोमीटर तक साइकिल पर चली. जब प्रतापगढ़ की गलियों में शेरवानी पहनकर दूल्हा बारात को अपने पीछे-पीछे लेकर निकला तो इसने कई लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा. बारात जहां से भी निकली, वहां लोगों की भीड़ उमड़ आई. कई लोगों ने दूल्हे के साथ सेल्फी भी ली. महिलाएं छतों से वीडियो बनाती हुई भी नजर आईं.
नमन बताते हैं कि जब दुल्हन को साइकिल से बारात आने की बात पता चली तो उसे यह नागवार गुजरा. लेकिन बाद में दुल्हन भी इसके लिए राजी हो गई. नमन ने बताया कि वह भले ही साइकिल पर बारात लेकर गए, लेकिन दुल्हन को कार में बैठाकर ही ससुराल ले जाया गया.
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