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Ek Ped Maa ke Naam: उत्तर प्रदेश में सफल रहा 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान... पिछले 8 सालों में बढ़ा है वन क्षेत्र

Ek Ped Maa ke Naam अभियाल साल 2024 में World Environment Day के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था. इस अभियान का उद्देश्य लोगों को अपनी मां के सम्मान और प्यार में पौधे लगाने के लिए जागरूक करना है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि 'एक पेड़ मां के नाम' पहल उत्तर प्रदेश में नई ऊंचाइयों को छू रही है. इस पहल की शुरुआत मिट्टी के कटाव और बंजर भूमि को फिर से उपजाऊ बनाने के लिए की गई थी. आपको बता दें कि यह अभियाल साल 2024 में World Environment Day के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुरू किया था. इस अभियान का उद्देश्य लोगों को अपनी मां के सम्मान और प्यार में पौधे लगाने के लिए जागरूक करना है. 

5 जून 2025 को इस अभियान का देशभर में दूसरा फेज शुरू किया गया. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, आदित्यनाथ ने 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' अभियान के सफल कार्यान्वयन के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महापौरों, पंचायत अध्यक्षों और सदस्यों, पार्षदों और ग्राम प्रधानों के साथ बातचीत की.

पहले से बढ़ा है वन क्षेत्र
सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश का वन क्षेत्र घट रहा था. हालांकि, पिछले आठ सालों में सही प्रयासों के कारण राज्य में वन क्षेत्र 9 प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो गया है. उन्होंने कहा कि हरित क्षेत्र की बढ़ोतरी के मामले में उत्तर प्रदेश देश में दूसरे स्थान पर है. 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से 2024 तक राज्य के हरित क्षेत्र में 5 लाख एकड़ की बढ़ोतरी हुई है. सीएम के मुताबिक, अकेले 2021 से 2023 के बीच वन और वृक्ष क्षेत्र में 1.38 लाख एकड़ की बढ़ोतरी हुई है. योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुल मिलाकर 2017 से 2023 तक हरित क्षेत्र में 3.38 लाख एकड़ की ऐतिहासिक बढ़त हुई है. 

वनों को बचाने के महत्व पर जोर देते हुए आदित्यनाथ ने चेतावनी दी कि भविष्य में ग्लोबल वार्मिंग एक बड़ा खतरा बन सकती है क्योंकि इससे भूस्खलन, भारी वर्षा, बाढ़ और बहुत कुछ हो सकता है. इसे रोकने के लिए जलवायु संतुलन बनाए रखना आवश्यक है. 

लोगों से भागीदारी की अपील
उन्होंने भावी पीढ़ियों के लिए बेहतर पर्यावरण सुनिश्चित करने के लिए वृक्षारोपण अभियान में सभी की भागीदारी की अपील की. ​​उन्होंने कहा, "'एक पेड़ मां के नाम' अभियान तभी सफल हो सकता है, जब यह जन आंदोलन बने." उन्होंने नदियों के पुनरुद्धार के महत्व पर भी जोर देते हुए कहा, "मानव शरीर की धमनियों की तरह नदियां धरती माता की जीवनरेखा हैं. इसलिए नदियों का पुनरुद्धार जरूरी है और जनप्रतिनिधियों को इसे अभियान के रूप में लेना चाहिए और इस पर सक्रिय रूप से काम करना चाहिए." 

आदित्यनाथ ने राज्य के मंत्रियों और विधायकों से 'एक पेड़ मां के नाम 2.0' अभियान को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने का भी आग्रह किया. बयान के अनुसार, इस बीच, 9 जुलाई को पूरे राज्य में एक दिन में रिकॉर्ड 37 करोड़ पौधे लगाने के उद्देश्य से एक बड़ा वृक्षारोपण अभियान - 'वृक्षारोपण महाअभियान-2025' शुरू किया जाएगा. विधायकों के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उत्तर प्रदेश एक दिन में 37 करोड़ पौधे लगाकर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाने की योजना बना रहा है. 

जन प्रतिनिधियों को स्थानीय स्तर पर वृक्षारोपण प्रयासों का नेतृत्व करने का निर्देश दिया गया, जिसमें निजी संगठन, गैर सरकारी संगठन और सामुदायिक समूह शामिल होंगे. मुख्यमंत्री ने किसानों को अपने खेतों की सीमाओं पर पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया, और उन्हें पांच साल बाद कार्बन क्रेडिट कार्यक्रम के तहत आर्थिक मुआवजे का आश्वासन दिया.