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ज़िंदगी से हारकर सुसाइड करने जा रहा था मिमिक्री कलाकार, एक महिला दोस्त और पुलिस की सूझबूझ ने बचाई जान

कानपुर शहर में एक होनहार मिमिक्री कलाकार अर्पित सैनी ज़िंदगी से हारकर मौत को गले लगाने जा रहा था. लेकिन कानपुर पुलिस की सूझबूझ ने उनकी ज़िंदगी बचा ली. और उन सभी लोगों को गलत साबित कर दिया जो अक्सर कहते हैं कि भारतीय पुलिस कभी समय पर नहीं पहुंचती है. 

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हाइलाइट्स
  • ज़िंदगी से हारकर मौत को गले लगा रहा था मिमिक्री आर्टिस्ट

  • एक महिला फ्रेंड और पुलिस की सूझबूझ ने बचाई जान

कोरोना महामारी के कारण लोगों से सिर्फ उनके अपने नहीं बल्कि उनके जीवन जीने का जरिया भी छिना है. बहुत से लोग आर्थिक तंग से जूझ रहे हैं और कई बार परेशानियां इतनी बढ़ जाती हैं कि लोगों को मौत आसान लगने लगती है. 

ऐसा ही कुछ मंगलवार को कानपुर में हुआ. शहर का एक होनहार मिमिक्री कलाकार अर्पित सैनी ज़िंदगी से हारकर मौत को गले लगाने जा रहा था. लेकिन कानपुर पुलिस की सूझबूझ ने उनकी ज़िंदगी बचा ली. और उन सभी लोगों को गलत साबित कर दिया जो अक्सर कहते हैं कि भारतीय पुलिस कभी समय पर नहीं पहुंचती है. 

फेसबुक पर किया सुसाइड के बारे में पोस्ट: 

कानपुर के नौबस्ता में मिमिक्री कलाकार अर्पित सैनी अपने माता-पिता के साथ रहते हैं. अपनी मिमिक्री से रोते हुए चेहरों पर मुस्कान बिखेरने वाले अर्पित की मुस्कान ज़िन्दगी की जिम्मेदारियों के बीच खोने लगी. इन दिनों व आर्थिक हालातों से इतना हार गए कि उन्हें जीने से मरना आसान लगा. 

अर्पित ने सुसाइड करने का इरादा कर लिया और मंगलवार रात को अपन फेसबुक पेज पर पोस्ट किया कि रत बारह बजे आप मेरे सुसाइड का लाइव प्रसारण देखेंगे. उनसे फेसबुक पर जुड़े लोगों ने उनके इस पोस्ट को मजाक में लिया.

लेकिन उनकी एक महिला फ्रेंड कनिष्का ने इस पोस्ट को इग्नोर करने की बजाय कुछ करने की ठानी. कनिष्का ने नौबस्ता थाने में पुलिस को इसके बारे में जानकारी दी ताकि अनहोनी को रोका जा सके. 

थानेदार ने दिखाई सूझबूझ: 

नौबस्ता थाने में नियुक्त थानेदार अमित भड़ाना ने कनिष्का से मिली जानकारी की गंभीरता को समझा. उन्होंने तुरंत अमित का फोन नंबर कनिष्का से लेकर उन्हें कॉल किया. अमित ने अर्पित को बिल्कुल भी यह अहसास नहीं होने दिया कि उन्हें उनके सुसाइड पोस्ट के बारे में जानकारी है. 
अमित ने अर्पित से इधर-उधर की बातें की. बातों में उनके इलाके के बारे में पूछा और उनसे उनके घर का एड्रेस ले लिया. इसके बाद अमित तुरंत अपनी टीम के साथ रात 12 बजे उनके घर पहुंचे और अर्पित को लाइव सुसाइड से पहले ही बचा लिया.   

अमित जब अर्पित के कमरे में पहुंचे तो वह फांसी का फंदा बना चुका था. और वह फेसबुक पर लाइव भी जुड़ा था. पुलिस को देखते ही अर्पित जोर-जोर से रोने लगा. इसके बाद अमित ने उन्हें एक बड़े भाई की तरह समझाया और फिर उनसे कहा कि अब फेसबुक पर अपने दोस्तों को अपने ठीक होने का संदेश दें. 

लगभग दो घंटे तक पुलिस अर्पित और उनके परिवार को समझाने के बाद वहां से निकली. पुलिस के इस सरहानीय कार्य पर कानपुर के ज्वाइंट कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि सचमुच हमारी पुलिस ने मामले की नजाकत को समझते हुए समय पर सही निर्णय लिया. उनके इस कदम से पुलिस की छवि में सुधर होगा और साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि इस तरह के मामलों को अनदेखा न करें और पुलिस को सूचना दें ताकि समय पर किसी की जान बचाई जा सके.

(सिमर चावला की रिपोर्ट)