Falla Village
Falla Village गुजरात के जामनगर जिले के फल्ला गांव ने अपनी सुरक्षा के लिए एक मिसाल कायम की है. पाकिस्तान की समुद्री सीमा के करीब स्थित इस गांव की आबादी 6000 है. सबसे प्रेरक बात यह है कि गांव ने खुद का सेफ्टी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है, जिसमें सीसीटीवी कैमरे, इमरजेंसी सायरन, लाउडस्पीकर और वॉकी-टॉकी शामिल हैं. इन अत्याधुनिक उपकरणों ने गांव की सुरक्षा को अभेद्य बना दिया है.
गांववालों ने खुद ली सुरक्षा की जिम्मेदारी
फल्ला गांव ने सामूहिक जिम्मेदारी की एक मजबूत भावना विकसित की है. गांव की निगरानी सभी गांव वाले मिलकर करते हैं, रात के समय गश्त लगाते हैं और जोखिमों से निपटने के लिए समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. गांव में 20 सीसीटीवी कैमरे, तीन इमरजेंसी सायरन, लाउडस्पीकर और छह वॉकी-टॉकी लगे हैं.
खुद पैसे जुटाकर किया इंतजाम
गांव वालों ने जामनगर जिला पंचायत और फल्ला ग्राम पंचायत के साथ मिलकर इन सुरक्षा संसाधनों का इंतजाम किया है. कुछ लोग वॉकी-टॉकी का ऑपरेशन संभालते हैं तो कुछ सायरन और अनाउंसमेंट की जिम्मेदारी निभाते हैं. हाल ही में, भारत-पाकिस्तान तनाव के वक्त जब गांव में ब्लैकआउट किया गया, तब गांव वालों ने मिलकर एक लाख रुपये जुटाए और उन पैसों से इन्वर्टर, सायरन और अतिरिक्त लाउडस्पीकर खरीदे. फल्ला गांव की इस पहल ने सीमा पर मौजूद संवेदनशील इलाकों में जमीनी स्तर पर सुरक्षा पुख्ता करने के लिए एक मिसाल कायम की है.
(दर्शन ठक्कर की रिपोर्ट)