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Nakshatra Vatika: क्या है नक्षत्र वाटिका... राशि और ग्रहों के आधार पर लगाए गए पेड़-पौधे

इस वन को सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है. इसमें नक्षत्र, राशि और ग्रहों के आधार पर 48 विभिन्न प्रजातियों के 750 से अधिक पौधे लगाए गए हैं.

(सांकेतिक तस्वीर) (सांकेतिक तस्वीर)

मध्य प्रदेश में भोपाल के पास लहारपुर में पांच साल पहले वन विभाग ने एक विशेष नक्षत्र वन की स्थापना की थी. इस वन को सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है. इसमें नक्षत्र, राशि और ग्रहों के आधार पर 48 विभिन्न प्रजातियों के 750 से अधिक पौधे लगाए गए हैं. इन पौधों में से लगभग 90 प्रतिशत आज भी जीवित हैं.

हर पौधे के पास एक पट्टिका लगाई गई है, जिसमें उस पौधे से संबंधित राशि, ग्रह और नक्षत्र की जानकारी दी गई है, साथ ही यह भी बताया गया है कि उस पौधे का प्रभाव क्या होता है. लोग अपनी राशि, नक्षत्र और ग्रह के अनुसार संबंधित पौधों के समीप घूम सकते हैं, जिससे उन्हें सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है. 

नौ ग्रहों के अनुसार पौधे इस प्रकार हैं:

  • सूर्य: अकोन, एकवन
  • चन्द्रमा: पलास
  • मंगल: खैर
  • बुध: चिरचिरी
  • गुरु: पीपल
  • शुक्र: गूलर
  • शनि: शमी
  • राहु: दुर्वा
  • केतु: कुश

राशियों के अनुसार पौधे इस प्रकार हैं:

  • मेष: आंवला
  • वृष: जामुन
  • मिथुन: शीशम
  • कर्क: नागकेसर
  • सिंह: पलास
  • कन्या: रीठा
  • तुला: अजरुन
  • वृश्चिक: भालसरी
  • धनु: जलवेतस
  • मकर: अकोन
  • कुंभ: कदम्ब
  • मीन: नीम

27 नक्षत्रों के अनुसार विशेष पौधे लगाए गए हैं, जो निम्नलिखित हैं:

  • अश्विनी: कोचिला
  • भरणी: आंवला
  • कृतिका: गुल्लड़
  • रोहिणी: जामुन
  • मृगशिरा: खैर
  • आद्रा: शीशम
  • पुनर्वसु: बांस
  • पुष्य: पीपल
  • आश्लेषा: नागकेसर
  • मघा: वट
  • पूर्वाफाल्गुनी: पलास
  • उत्तराफाल्गुनी: पाकड़
  • हस्त: रीठा
  • चित्रा: बेल
  • स्वाति: अजरुन
  • विशाखा: कटैया
  • अनुराधा: भालसरी
  • ज्येष्ठा: चीर
  • मूल: शाल
  • पूर्वाषाढ़ा: अशोक
  • उत्तराषाढ़: कटहल
  • श्रवण: अकोन
  • धनिष्ठा: शमी
  • शतभिषा: कदम्ब
  • पूर्व भाद्रपद: आम
  • उत्तर भाद्रपद: नीम
  • रेवती: महुआ

इस नक्षत्र वन में प्रकृति, ज्योतिष और ऊर्जा का अनूठा समन्वय देखने को मिलता है.