
सूखे और बंजर जमीन के लिए पहचाने जाने वाले आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से आज एक नई हरित क्रांति की शुरुआत हुई है. डिस्कवरी अनंतपुर के फाउंडर और पर्यावरण प्रेमी जी. अनिल कुमार ने रविवार को एक अनोखी पहल की. उन्होंने धान की भूसी और गन्ने की खोई से बने चम्मच, प्लेटें, कटोरियां, बॉक्स और कॉफी कप मुफ्त में लोगों को बांटे. उनका संदेश साफ है- “खेती का कचरा जलाने की चीज नहीं, बल्कि सस्टेनेबल जीवनशैली का साधन है.”
साड़ी बैग क्रांति
डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के मुताबिक, अनंतपुर की हरित यात्रा की पहचान साड़ी बैग मूवमेंट बन चुकी है. घरों में पड़ी पुरानी साड़ियां अब मजबूत, टिकाऊ और रीयूजेबल शॉपिंग बैग बनकर लोगों के हाथों में पहुंच रही हैं. इस पहल से 142 महिलाओं को घर बैठे सिलाई का काम मिला और वे हफ्ते में कम से कम 1,500 रुपये की आमदनी कमा रही हैं. अनिल कुमार के शब्दों में ये सिर्फ बैग नहीं, सम्मान और आजीविका का नया रास्ता हैं.
इस पहल को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कैनवास टोट बैग्स लॉन्च किए जिन पर अनंतपुर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों की तस्वीरें छपी होती हैं. इन्हें भी मुफ्त बांटा जा रहा है ताकि संस्कृति और पर्यावरण संदेश साथ-साथ चले. हाल ही में, मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता में हुई कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में साड़ी बैग अभियान की विशेष प्रस्तुति दी गई.
प्लास्टिक के खिलाफ जंग
अनिल कुमार की लड़ाई कागज़ की कलम से शुरू हुई थी. अब तक 90,000 से अधिक पेन बांटे जा चुके हैं. इसके बाद उन्होंने घास की स्ट्रॉ और 2 लाख बांस से बने सैनिटरी पैड्स स्कूल-कॉलेज की लड़कियों को मुफ्त दिए.
यही नहीं, उनके होम फॉर बर्ड्स प्रोजेक्ट के तहत अब तक 1,85,000 पक्षी घोंसले बांटे गए, जिससे 3,50,000 से ज्यादा गौरैया वापस लौट आईं और कई वर्ल्ड रिकॉर्ड बने. साथ ही उनकी टीम ने 45,000 पेड़ लगाए, 2,20,000 फलदार पौधे वितरित किए और 200 बड़े पेड़ों की कटाई रोकी.
स्वच्छता योद्धाओं का सम्मान
अनिल कुमार ने देश का पहला नागरिक-आधारित स्वच्छता सम्मान शुरू किया- स्वच्छता योद्धा पुरस्कार. सफाईकर्मियों को उनके कार्यस्थल पर सम्मानित किया गया और उपयोगी घरेलू उपकरण भेंट किए गए.
अंतरराष्ट्रीय सम्मान
पर्यावरण संरक्षण और मानवीय कार्यों के लिए अनिल कुमार को UNEP का गोल्डन ट्री अवॉर्ड, चेंजमेकर्स अवॉर्ड 2022, इंटरनेशनल टूरिज्म अवॉर्ड और कोविड वॉरियर ऑफ द साउथ अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है.
---------End-------------