
वेडिंग किसी के भी जीवन का सबसे जरूरी लम्हा होता है. हर कोई चाहता है कि यह लम्हा हमेशा के लिए यादगार बना रहे. जैसे-जैसे समय बदलता है वेडिंग के तौर-तरीकों में भी बदलाव देखने को मिलता है. एक समय था जब लोगों के पास फोन नहीं थे. तो फोटोग्राफर की डिमांड काफी होती थी. और कैमरा ही नहीं थी तो क्या फोटो और कौनसा फोटोग्राफर फोटो खींचता. यानी कुल मिलाकर साफ है कि वेडिंग में समय ने काफी अहम भूमिका निभाई है.
जेन जी को अकसर इंटरनेट वाली जेनरेशन माना जाता है. क्योंकि जितनी इंटरनेट की सुविधा इन्हें मिली उतनी किसी और को नहीं मिली. तो यही जेन जी अब अपनी शादी को आज के इंटरनेट युग में कम खर्चे में यादगार और शानदार बनाते हैं. लेकिन क्या है इनकी कॉस्ट कटिंग स्ट्रेटिजी, वो भी आपको बताते हैं.
दादी-नानी की रस्में हुई पुरानी
पहले की शादियों की बात करें तो कई रस्में हुआ करती थी. जिसमें रिश्तेदार पहले से ही आते है और उनमें शामिल होते थे. लेकिन जेन जी ने उन रस्मों को टाटा-बाय बाय बोल दिया है. जिससे इन्होंने काफी हद तक उनमें लगने वाले पैसों को बचा लिया है. ऐसा नहीं है कि ये कंजूसी कर रहे हैं. बल्कि यहीं पैसा इनकी शादी को और यादगार बनाता है.
वेडिंग कार्ड हुए डिजिटल
जैसा कि पहले आपको बताया कि जेन जी इंटरनेट वाली जेनरेशन है. तो साहब ये वेडिंग कार्ड छपवाने के लिए चक्कर नहीं काटती फिरती. यह इंटरनेट की मदद से अपने लिए शानदार वेडिंग कार्ड तैयार कर लेती है. साथ ही इनके बनाएं वेडिंग कार्ड तो वीडियो फॉर्मेट में होते हैं. तो दिखने में और अच्छा फील देते हैं. साथ ही फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम पर यह उसे शेयर कर देते हैं. लो जी सारा काम हो गया, वो भी बस इंटरनेट की कॉस्ट में, वो भी अपनी पसंद के डिजाइन से.
वेडिंग प्लानर को किया साइडलाइन
दादी-नानी की शादी में तो घरवाले ही सबकुछ प्लान करते थे. फिर शादी को और सजावटी रूप देने के लिए मार्केट में वेडिंग प्लानर आए. लेकिन जेन जी ने इन्हें भी साइड कर दिया. दरअसल जेन जी सोशल मीडिया पर इंफ्यूएनसर को वेडिंग प्लान करते हुए देखते है. और उसी को देखते हुए अपनी वेडिंग की थीम, आउटफिट वगैराह सबकुछ एक-दूसरे की सहमति से चुन लेते हैं. यानी शुरू से अंत तक सबकुछ डिजिटली हो रहा है और कॉस्ट कटिंग कर काफी हद तक पैसों की बचत भी हो रही है.