Girl Write Exam After Father Death
Girl Write Exam After Father Death इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमज़ोर हो ना. हिंदी के एक मशहूर कवि की ये पंक्तियां हुगली के एक माध्यमिक की छात्रा पर बिल्कुल सही बैठती हैं. घर में पिता की अर्थी को छोड़ बेटी परीक्षा देने चली गई.
पिता को किए वायदे की वजह से बेटी को आखिरी बार कंधा देना भी नसीब नहीं हुआ. दरअसल, बेटी ने पिता से वादा किया था कि अच्छी तरह पढ़ाई-लिखाई कर अपने पैरों पर खड़ी होगी.
पिता को किए उस वायदे की वजह से बेटी परीक्षा देने पहुंच गई. बेटी के इस बुलंद हौसले और आत्मशक्ति को देखकर हर कोई हैरान है. बच्ची के इस जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है.
परीक्षा के दिन पिता की मौत
यह घटना हुगली के पांडुआ के हरलदासपुर ग्राम पंचायत के ताराजल गांव की है. इस गांव के रहने वाले अब्दुल कयूम की हार्ट अटैक से मौत हो गई. उन्हें इलाज के लिए पूर्वी बर्दवान के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बो बच नहीं सके.
अब्दुल कयूम के शव को घर पर लाया गया. एक तरफ पिता की अर्थी थी. दूसरी तरफ जीवन के सबसे बड़ा इम्तिहान था. बेटी ने अपने पिता से किए वादे को निभाया. मुस्कान पांडुआ हथनी हाईस्कूल की छात्रा है. उसका परीक्षा केंद्र बैची बाटिका हाई स्कूल में है. उस दिन मुस्कान को बंगाल बोर्ड की दसवीं की परीक्षा का गणित का पेपर देना था.
जज्बे को सलाम
शनिवार को जब मुस्कान अपनी परीक्षा देने के लिए घर से निकली तो उस वक्त पिता का शव घर में पड़ा था. कठोर मन से आंसुओं के सैलाब को आंखों में समेटे हुए वह परीक्षा केंद्र पहुंची. पिता की मौत से मु्स्कान को गहरा सदमा तो पहुंचा लेकिन उनके दिखाए मार्ग पर वह चलना चाहती है.
जब मुस्कान परीक्षा दे रही थी उसी समय उसके पिता का अंतिम संस्कार हो रहा था. छात्रा मुस्कान खातून ने बताया कि शुक्रवार को उसके पिता की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. अंतिम संस्कार शनिवार सुबह 11 बजे हुआ. पिता ने उससे वादा किया था कि वो स्वस्थ होकर लौटेंगे तो उसे परीक्षा दिलाने ले जाएंगे लेकिन होनी को कुछ और मंजूर था.
पिता करते थे तारीफ
मुस्कान के पिता सभी से कहते थे कि मेरी बेटी पढ़ाई में अच्छी है. तुम्हें अच्छे अंक मिलेंगे. मुस्कान ने कहा कि मैं अपने पिता के सपने को साकार करने का हमेशा प्रयास करूंगी. पिता का साया हटने से मुस्कान को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. मुस्कान कहती है कि अपने पिता से किए गए वादे को पूरा करने से जरा भी नहीं डिगेगी.
भोलानाथ साहा की रिपोर्ट.