scorecardresearch

Rakhi For Soldiers: फर्ज पर त्योहार की कुर्बानी, लेकिन नहीं रहेगी जवान की कलाई सूनी... आखिर क्या है यह अनोखी पहल

मध्य प्रदेश के स्कूल में छात्राओं ने सोचा है कि जो जवान सरहद पर देश की रक्षा करते हैं. उनके लिए वह राखी बना कर भेजेंगी. जवान पर्व पर घर नहीं आ पातें हैं ऐसे में उन्हें उस पर्व की खुशी का एहसास सरहद पर ही करवाने का प्रण लिया है.

Children Preparing Rakhi Children Preparing Rakhi

जल्द ही राखी का त्योहार आ रहा है, जो भाई बहन के पवित्र रिश्ते को ओर ज्यादा मजबूत बनाता है. राखी पर वैसे तो सभी बहने अपने भाइयों के पास होती है, मगर सेना में सेनिक अपना फर्ज निभा रहे होते हैं. ऐसे में उन्हें अपनी बहनों से दूर रहना पड़ता है. रखी जैसे त्योहार पर उनकी कलाई सुनी रह जाती है. मगर आगर मालवा की स्कूली लड़कियों ने उन सभी फौजी भाइयों के लिए राखी बनाकर भेजने का प्रण किया है.

कैसी दिखती है ये खास राखियां
कहीं राखी पर बने हैं कृष्ण तो कुछ राखिया देश भक्ति से ओतप्रोत हैं. आगर मालवा के एक स्कूल में पढ़ने वाली लड़किया जम्मू कश्मीर में सेनिको के लिए अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं. वह सेनिको की कलाई सुनी न रहे, यह सोचकर उनके लिए राखी बना रही है.

कैसे तैयार कर रही राखियां
लड़कियां बहुत सी सामग्रि का उपयोग कर राखी बना रही हैं. जिसमे मोती, कोड़िया, मोरपंख, दवाई के रेपर से लेकर भगवान की पूजा में काम आने वाला नाड़ा प्रमुख रूप से काम में लिया जा रहा है. ये नन्ही-नन्ही बालिकाएं पिछले दो दिन से राखियों के निर्माण करने में लगी हुई है. 

सम्बंधित ख़बरें

क्या कहती हैं छात्रा
छात्रा जिया का कहना है कि उनके पिता फौज में है. ऐसे में वे राखी के त्योहार पर घर नहीं आ पाते. साथ ही उनके हाथों में राखी नही बंधने का दर्द भी जिया को बहुत है. इन्हीं सब बातों को लेकर जिया भी अब सेनिकों को राखिया भेजती है.

बच्चे सीखते हैं देश भक्ति
स्कूल के शिक्षक विकास दुबे का मानना है की इस तरह के विचार से बच्चों के मन में देश भक्ति ओर सेनिकों के प्रति सम्मान की भावना भी आती है. साथ ही बच्चे भी खुश होकर नया सीखते है. शिक्षक ने बताया है की राखियों को बनाने में इको फ्रेंडली वस्तुओं का उपयोग किया गया है.

-प्रमोद कारपेंटर की रिपोर्ट