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यूपी के इस गांव में मुस्लिम प्रधान ने गायों के लिए शुरू किया रोटी बैंक...हर परिवार देता है रोटी

यूपी के गोंडा सदर के रुद्रगढ़ नौसी गांव में गायों के लिए रोटी बैंक खोला गया है. इस गौशाला में कुल 400 गाय हैं जिनके लिए गांव का हर इंसान रोटी देता है. इस गोशाला की सबसे दिलचस्प बात ये है कि इसकी शुरुआत मुस्लिम प्रधान मंसूर अली ने की है.

Gaushala in Gonda Gaushala in Gonda
हाइलाइट्स
  • गौशाला में हैं 400 गाय

  • आगे और भी गौशालाओं को करेंगे शामिल - प्रधान

यूपी के गोंडा जिले में बच्चों में अब दादा-दादी के दिए संस्कार दिखाई देने लगे हैं.  यहां एक गांव की गौशाला में रोटी बैंक बन गया है. घर-घर से गौवंशो के लिए रोटी दी जाने लगी है. जी हां, यह रोटी बैंक गोंडा सदर के रुद्रगढ़ नौसी गांव में खुला है. दरअसल सदर तहसीलदार राजीव मोहन सक्सेना की पहल पर गांव के मुस्लिम प्रधान प्रतिनिधि मंसूर अली ने इस रोटी बैंक की शुरुआत की है. उनकी टोली अब गांव के घर घर से रोजाना रोटी लेती है जिसको गांव में स्थित गौशाला में गौवंशो को खिलाया जाता है. गांव के लोग भी इस काम को पुण्य का काम मानते हैं. लोग खुशी- खुशी रोटी देकर आनंदित होते हैं. 

आगे और भी गौशालाओं को करेंगे शामिल 
इस टोली में खुद तहसीलदार भी शामिल हुए. उनका कहना है कि मां लोग पहले गाय के लिए रोटी निकालती थी जो मेरे दिमाग में बसी थी. हमने प्रधान प्रतिनिधि को इसके लिए प्रेरित किया और गांव में गौवंशो के लिए रोटी बैंक की शुरुआत की गई. प्रधान प्रतिनिधि बताते है कि गांव के लोग इस पहल से बहुत उत्साहित हैं और गौवंशों को रोटी देने के लिए लालायित हैं. हालांकि इस रोटी बैंक की अभी एक दिन पहले ही शुरुआत हुई है. तहसीलदार सदर का कहना है कि उनके क्षेत्र में 22 गौशालाएं हैं जिसमें वह रोटी बैंक की शरुआत कराएंगे. अभी इसी गांव से शुरुआत की है. पहले इस गांव में रूटीन में आ जाये फिर और ऐसी गौशाला खोलेंगे. रूद्रगढ़ नौसी गौशाला में करीब 4 सौ गौवंश है. यहां भूसा चारा पानी की व्यवस्था अच्छी होने के बावजूद यदि रोजाना इन गौवंशो को रोटी भी मिलने की व्यवस्था हो रही है तो फिर इस पहल को सलाम है.

गौशाला में हैं 400 गाय
इस रूद्र गढ़ नौसी गौशाला में लगभग 400 गाय हैं. गांव के तहसीलदार ने कहा कि यह तो हम लोगों के परिवारों में हमेशा से रहा है कि एक रोटी जो गाय के लिए निकाली जाती है. घर में जब खाना बनता है तो पहली रोटी गाय के लिए ही निकाली जाती है. वही गायों को देख कर मन में विचार आ गया पुनरावृत्ति हुई. वही देखकर हम लोगों ने विचार किया और प्रधान जी से इस पर बातचीत की. आगे हम इसमें और भी गौशालाओं को शामिल करने की कोशिश करेंगे.

(आंचल श्रीवास्तव की रिपोर्ट)