

आज पूरी दुनिया की नजरें नेपाल पर हैं. नेपाल ने Gen Z के प्रति लोगों की धारणा को बदल दिया है. कुछ दिन पहले तक जेन ज़ी को बेफिक्र, बेपरवाह और सेल्फ-सेंटर्ड कहा जा रहा था, उनके बारे में कहा जाता रहा है कि वे अच्छे एम्पलॉयी नहीं हैं. लेकिन आज इसी जनरेशन ने नेपाल की सरकार को घुटनों पर ला दिया है.
नेपाल में जेन ज़ी युवाओं ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाते हुए देश की सरकार का तख्ता पलट कर दिया है. ये प्रदर्शनकारी टिकटॉक की भाषा और सोशल मीडिया रणनीतियों का इस्तेमाल कर रहे हैं. यह दुनिया में पहली बार है जब जेन ज़ी के आंदोलन से किसी देश की सरकार पलट गई है.
अब सवाल है कि आखिर जेन ज़ी होते कौन हैं? और जेन ज़ी के अलावा और कौन-कौन सी जनरेशन हैं. आपको बता दें कि सोशल साइंटिस्ट के मुताबिक, हर पीढ़ी की पहचान उनके जन्मकाल के साथ-साथ उस समय की ऐतिहासिक घटनाओं से भी तय होती है. आइए जानते हैं 1900 से लेकर आने वाले समय तक की पीढ़ियों का पूरा सफर.
1. द ग्रेटेस्ट जनरेशन (GI Generation): जन्म 1901–1927
यह पीढ़ी महान मंदी (Great Depression) और द्वितीय विश्व युद्ध के दौर से गुजरी. इस पीढ़ी ने दोनों विश्व युद्धों में हिस्सा लिया, इसलिए “सबसे महान” कहा गया. ये लोग देशभक्त, मेहनती, और हिम्मती थे.
2. साइलेंट जनरेशन: जन्म 1928–1945
इस पीढ़ी को "साइलेंट जनरेशन" कहा गया क्योंकि उस दौर में लोग ज्यादातर चुपचाप सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों को स्वीकार कर लेते थे. मैकार्थी युग और कम्युनिज़्म के डर ने इस पीढ़ी को अनुशासित और मेहनती बनाया.
3. बेबी बूमर जनरेशन: जन्म 1946–1964
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जन्मदर में तेजी आई, इसलिए इन्हें "बेबी बूमर्स" कहा गया. इस पीढ़ी ने अपने माता-पिता के खिलाफ जाकर वियतनाम युद्ध का विरोध किया और इन्होंने ही समर ऑफ़ लव बनाया. बुमर्स ने समाजिक बदलावों की नींव रखी. पैरेंटिंग में, बूमर्स ने बच्चों की भावनाओं को महत्व देना शुरू किया और फैमिली मीटिंग्स जैसे कॉन्सेप्ट्स पॉपुलर किए.
4. जनरेशन X: जन्म 1965–1980
अक्सर "स्लैकर जनरेशन" कहलाने वाली यह पीढ़ी एड्स महामारी, MTV कल्चर और LGBTQ+ अधिकारों के उदय की साक्षी बनी. जेन-एक्स माता-पिता ने हेलिकॉप्टर पैरेंटिंग की शुरुआत की, यानी बच्चों की पढ़ाई और सामाजिक विकास में ज्यादा दखल देना शुरू किया. यह तकनीक अपनाने वाली शुरुआती पीढ़ी भी थी.
5. मिलेनियल जनरेशन (Gen Y): जन्म 1981–1996
सहस्राब्दी (Millennium) के समय बड़े हुए, इसलिए इन्हें “मिलेनियल्स” कहा गया. मिलेनियल्स ने 9/11 अटैक, इंटरनेट का विस्तार, और सोशल मीडिया क्रांति का दौर देखा. यह पहली पीढ़ी थी जिनका बचपन बिना इंटरनेट के बीता लेकिन एडल्टिंग इंटरनेट के साथ हुई. यह पीढ़ी पर्यावरण के प्रति जागरूक, कम्यूनिटी सेंटर्ड और समावेशी मानी जाती है. मिलेनियल्स आधुनिक पैरेंटिंग में बच्चों को अपनी असली पहचान अपनाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और फ्री-पैरेंटिंग को बढ़ावा देते हैं.
6. जनरेशन Z (iGen): जन्म 1997–2010
“Y” के बाद “Z” नाम रखा गया.यह पहली पीढ़ी है जो स्मार्टफोन, सोशल मीडिया और इंटरनेट के दौर में जन्मी. जेन-ज़ी बच्चे टेक्नोलॉजी-ड्रिवन, समावेशी और राजनीतिक रूप से जागरूक हैं. इनकी पहचान इंस्टाग्राम, टिकटॉक, गेमिंग कल्चर और क्लाइमेट एक्टिविज्म से भी जुड़ी है.
7. जनरेशन अल्फा: जन्म 2010–2024
अल्फा- ग्रीक वर्णमाला का पहला अक्षर है और यह नई शुरुआत का प्रतीक है. जनरेशन अल्फा पहली ऐसी पीढ़ी है जो सोशल मीडिया और डिजिटल तकनीक के साथ जन्मी. ये सबसे ज्यादा टेक-सेवी हैं. COVID-19 महामारी के दौरान पैदा हुए बच्चों का जीवनशैली पर गहरा प्रभाव पड़ा है. यह पीढ़ी शिक्षा और वर्कफोर्स की परिभाषा बदल सकती है.
8. जनरेशन बीटा: जन्म 2025–2039
बीटा ग्रीक वर्णमाला का दूसरा अक्षर है. हालांकि, अभी यह पीढ़ी आनी बाकी है, लेकिन अनुमान है कि यह एआई-ड्रिवन, अत्यधिक कनेक्टेड और सस्टेनेबल फ्यूचर की सोच रखने वाली होगी. इनके जीवन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वर्चुअल रियलिटी और मेटावर्स का बड़ा प्रभाव होगा.
हर पीढ़ी अपनी ऐतिहासिक, सामाजिक और तकनीकी परिस्थितियों के हिसाब से बदलती रही है. जहां पुरानी पीढ़ियां आज के बच्चों की आदतों पर हैरान होती हैं, वहीं आने वाली पीढ़ियां भी हमें नए सिरे से सोचने पर मजबूर करेंगी.
------------------End-------------------