पालक का साग
पालक का साग
शहरों में जगह की कमी के बावजूद आप ताजी सब्जियां घर पर आसानी से उगा सकते हैं. अगर आपके पास छत या बालकनी में थोड़ी सी भी जगह है, तो वहीं गमले में साग उगाकर रोज ताजा और शुद्ध साग खा सकते हैं. खास बात यह है कि साग जल्दी उगते हैं, ज्यादा देखभाल नहीं मांगते और सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं. आइए जानते हैं मेथी, बथुआ, हरा प्याज, लहसुन और पालक को गमले में उगाने का आसान तरीका.
मेथी का साग
मेथी उगाने के लिए 8 से 10 इंच गहरा गमला लें. मिट्टी में थोड़ी गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिला दें. मेथी के बीज 6 से 8 घंटे पानी में भिगोकर हल्की गहराई में बो दें. रोज हल्का पानी दें और गमले को धूप में रखें. 20 से 25 दिन में खाने लायक तैयार है मेथी का साग.
बथुआ का साग
बथुआ ठंड के मौसम में तेजी से उगता है. गमले में भुरभुरी मिट्टी भरें और बीज ऊपर से छिड़क कर हल्की मिट्टी से ढक दें. गमले को धूप वाली जगह रखें और गमले में पानी जमा न होने दें. 25 से 30 दिन में बथुआ तोड़ा लायक तैयार हो जाता है.
हरा प्याज
हरा प्याज उगाने के लिए बीज की जरूरत नहीं होती. बाजार से लाए प्याज की जड़ वाला हिस्सा गमले में गाड़ दें. गमले में प्याज उगाना आसान है. पौधे को हल्की धूप और समय-समय पर पानी डालते रहे. 15 से 20 दिन में हरी पत्तियां निकल आती हैं. फिर चाहें तो आप इसके पराठे बनाएं या पकोड़े, स्वाद और सेहत दोनों के लिए यह लाजवाब होते है.
लहसुन की पत्ती
लहसुन की एक-एक कली मिट्टी में सीधी गाड़ दें, ऊपर का हिस्सा बाहर रखें, ज्यादा पानी न दें और गमले को धूप में रहने दें. आप देखेंगे कि 30 से 40 दिन में हरी लहसुन की पत्तियां काटने लायक तैयार हो जाएंगी.
पालक का साग
पालक के बीज सीधे गमले में बोए जा सकते हैं. मिट्टी में जैविक खाद मिलाएं और रोज हल्का पानी दें. 25 से 30 दिनों में परिणाम आपके सामने होगा. हर 15 दिनों पर पालक की कटाई करें, जड़ से नहीं काटेंगे तो लंबे समय तक गमला पालक से भरा रहेगा.
ये भी पढ़ें
ये भी देखें