Representational Image
Representational Image यह कहानी है गुजरात के सुरत में रहने वाले नील देसाई की, जो कक्षा 12 की परीक्षा में 26वीं बार असफल हुए हैं. हालांकि, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि नील डॉक्टरेट हैं. उन्होंने ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में पीएचडी की हुई है. और तो और कोई राजनीतिक बैकग्राउंड न होने के बावजूद 80% वोटों के साथ पंचायत चुनाव जीत चुके हैं.
गुजरात के नवसारी जिले के तलोध गांव के नवनिर्वाचित सरपंच 52 वर्षीय नील देसाई अब अगले साल 27वीं बार कक्षा 12 की परीक्षा देने की योजना बना रहे हैं. नील देसाई की कहानी आपको हैरान कर सकती है लेकिन यह प्रेरणा भी है कि कभी-कभी धैर्य सबसे बड़ी क्वालिफिकेशन होती है.
नील ने 1989 में 10वीं की परीक्षा पास की और इंजीनियर बनने के लिए साइंस स्ट्रीम ली. हालांकि, 1991 में वह 12वीं की बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए. दो बार फेल होने के बाद, उन्होंने 10वीं की योग्यता के आधार पर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग डिप्लोमा कोर्स में दाखिला लिया और 1996 में इसे पूरा किया. डिप्लोमा करने के बाद उन्होंने इलेक्ट्रिकल बिजनेस जॉइन किया. और साथ-साथ 12वीं की परीक्षा भी देते रहे लेकिन अबतक उन्हें सफलता नहीं मिल सकी है.
2005 में, गुजरात की राज्य सरकार ने नियमों में बदलाव किया और इससे डिप्लोमा होल्डर्स को डिग्री लेने की अनुमति मिल गई. इसके बाद, नील देसाई ने वीर नर्मदा दक्षिण गुजरात विश्वविद्यालय के तहत वीएस पटेल कॉलेज में केमिस्ट्री में बीएससी और एमएससी पूरी की और फिर 2018 में उका-तरसाडिया विश्वविद्यालय से पीएचडी में एनरॉल किया.
पिछले तीन दशकों से नील देसाई एक सोशल वर्कर के रूप में काम कर रहे हैं, उन्होंने सैकड़ों पेड़ लगाए हैं और गुजरात भर में सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने की तरफ काम किया है. उन्होंने हरियाली ग्रुप की स्थापना की, जिसके तहत उन्होंने सात मियावाकी वन लगाए हैं और वंगाम गांव में 150 साल पुराने कुएं का जीर्णोद्धार किया.
अब उनकी योजना 20 और कुओं को बहाल करने और नवसारी जिले में जल संचयन पहल को आगे बढ़ाने की है. उनके काम के दम पर उन्हें तलोध गांव ने अपना नया सरपंच चुना. अब सरपंच के तौर पर देसाई तलोध को एक आदर्श गांव बनाना चाहते हैं.
देसाई कहते हैं कि वह गांव के लिए 5S एजेंडे- स्वच्छता, स्वास्थ्य, शिक्षा, सलिल (पानी) और शिष्ट (अनुशासन) पर काम कर रहे हैं. अपनी हालिया जीत से उत्साहित देसाई अब कक्षा 12 की परीक्षा पास करने की योजना बना रहे हैं और 2026 में एक बार फिर परीक्षा देंगे.