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म्यूजिक ऑनर्स में ग्रेजुएट है गुरुग्राम का ये मोची...आवाज में ऐसा जादू कि रुककर लोग सुनने लगते हैं गाना

बिहार के बेगूसराय के रहने वाले अमरजीत गुरुग्राम में एक मोची की दुकान लगाते हैं. अमरजीत ने संगीत ऑनर्स में ग्रेजुएशन किया है.अमरजीत के पास कुछ काम नहीं था तो जूता चप्पल सही करने का काम शुरू कर दिया.

अमरजीत राम अमरजीत राम

गुरुग्राम की सड़कों पर गुजरते समय अगर अचानक आपको कोई सुरीली आवाज सुनने को मिल जाए तो समझ जाइए वो अमरीजत है.अमरजीत राम  मोची का काम करते करते ग्राहकों को शास्त्रीय संगीत भी सुनाते हैं. बिहार की ये सुरीली आवाज आजकल गुड़गांव की बड़ी सड़कों पर अपनी आवाज का जादू बिखेर रही है.

अमरजीत राम बिहार के बेगूसराय के रहने वाले हैं. अमरजीत ने संगीत ऑनर्स में ग्रेजुएशन की है. शास्त्रीय संगीत सीखने की ललक में कुछ साल पहले दिल्ली चले आए, शुरुआती समय में संगीत एकेडमी में संगीत भी सीखा लेकिन हालात खराब होने और जेब में पैसे ना होने के चलते अमरजीत को छोटा-मोटा कोई काम करना पड़ा. घर वाले भी अमरजीत को उनके संगीत के लिए सपोर्ट नहीं करते थे इसलिए अमरजीत को अपनी जिम्मेदारी और संगीत में किसी एक को चुनना पड़ा.

कहां लगाते हैं दुकान
कोरोना काल में अमरजीत के पास कुछ काम नहीं था तो जूता चप्पल सही करने का काम शुरू कर दिया लेकिन संगीत से अमरजीत का नाता फिर भी नहीं टूटा. अमरजीत में अपने काम के साथ-साथ संगीत सीखना शुरू कर दिया. अमरजीत सुबह अपनी जूते चप्पल सही करने की दुकान लगाते हैं और दिन में संगीत की क्लासेस लेते हैं. गुडगांव में रेजिडेंट सोसाइटी के आगे अपनी एक छोटी सी दुकान लगाते हैं और मोची का काम करते हैं. जब भी कोई ग्राहक अमरजीत की दुकान पर आता तो अमरजीत जूते चप्पल सिलते सिलते कुछ गुनगुनाने लगते हैं. गुड़गांव की सड़कों पर एक मोची को गाते देख लोग हैरान हो जाते हैं और अमरजीत से अलग-अलग गाने सुनने की फरमाइश भी करते हैं.

इसी कमाई से देते हैं क्लास की फीस
अमरजीत बिहार से बड़े-बड़े सपने लेकर दिल्ली आए लेकिन उनके सपनों को वह उड़ान नहीं मिल पाई. गरीबी ने अमरजीत के सुरों को जकड़ लिया लेकिन उनके बुलंद हौसलों को नहीं तोड़ पाई. अमरजीत मोची का काम कर जितने भी पैसे कमा पाते हैं उससे अपना घर भी चलाते हैं और अपने शास्त्रीय संगीत की क्लास के पैसे भी भरते हैं.