
बॉडी बिल्डिंग
बॉडी बिल्डिंग
कोई भी हादसा इंसान को पूरी तरह से झंझोड़ कर रख देता है... एक हादसा पल भर में जिंदगी को थाम देता है और बहुत कम लोग ऐसे हैं जो हादसों से उभर कर भीड़ में अपनी अलग पहचान बनाते हैं. चंडीगढ़ के आशीष ठाकुर की कहानी भी ऐसी ही है. जिन्होंने तीन साल पहले एक सड़क हादसे में अपनी एक टांग को गंवा दी थी, लेकिन हिम्मत नहीं हारी, लगभग डेढ़ साल की मेहनत के बाद आशीष ने स्पेशली चैलेंज कैटेगरी में बॉडी बिल्डिंग में गोल्ड मेडल जीतकर अपने जैसे सैकड़ों लोगों के लिए मिसाल कायम की है.
किसी और की गलती का खामियाजा भुगतना पड़ा
आज से 3 साल पहले आशीष ठाकुर की जिंदगी आम लोगों की तरह ही थी. लेकिन घर जाते वक्त चंडीगढ़ में किसी और की गलती का खामियाजा आशीष को भुगतना पड़ा. एक तेज रफ्तार गाड़ी ने आशीष को बाइक से उड़ा दिया. इस सड़क हादसे में जब अस्पताल में आशीष की आंख खुली तो पता चला की उनकी दाहिनी टांग पर गंभीर चोटें आई हैं. हफ्ते भर इलाज के बाद आशीष के 24वें जन्मदिन पर डॉक्टर को उनकी टांग को इंफेक्शन के चलते काटना पड़ा.
अचानक जिंदगी थम गई
आशीष ने बताया कि एक ही पल में उनकी जिंदगी मानो थम गई. आशीष ने बताया कि उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था की अब आगे क्या होगा? उस सड़क हादसे के बाद उनके सभी दोस्त रिश्तेदारों ने उसे हमदर्दी और सहानुभूति से देखना शुरू कर दिया. दोस्तों और रिश्तेदारों की बातें कानों में सुई की चुभन की तरह चुभने शुरू हो गई वह दौर ऐसा था की पलंग पर हर पल काटना मुश्किल हो रहा था डिप्रेशन की वजह से मानसिक परेशानी और बढ़नी शुरू हो गई है.

परिवार वालों का साथ रहा
आशीष ने बताया कि उस समय परिवार में माता-पिता ने जिस तरह से संभाला उसी की वजह से आज वे इस मुकाम तक पहुंच सके हैं. लगातार 1 साल तक बेड पर रहने की वजह से वजन भी बढ़ना शुरू हो गया था. आशीष कहते हैं कि हादसे से पहले भी वे जिम जाया करते थे, लेकिन एक दोस्त के कहने पर एक बार फिर से सीरियस होकर बॉडीबिल्डिंग की तरफ काम करना शुरू किया. शुरुआती समय में खूब दिक्कत और परेशानियां आई क्योंकि आर्टिफिशियल टांग की वजह से ना तो ढंग से चला जाता था और ना ही एक्सरसाइज हो पाती थी.
आशीष ने बताया कि उस समय अपने अंदर Never Give up " नेवर गिव अप "वाले एटीट्यूड के साथ उन्होंने काम करना शुरू किया. लगभग जिम के अंदर 6 से 7 घंटे लगातार वर्कआउट किया और आज लगभग डेढ़ साल के बाद दिल्ली में हुई स्पेशल चैलेंज कैटेगरी में बॉडी बिल्डिंग में गोल्ड मेडल जीतकर अपने जैसे सैकड़ों लोगों के लिए एक नई मिसाल कायम की है..