
हमारे देश के अधिकांश किसान पारंपरिक खेती जैसे धान और गेहूं की करते हैं. इसमें अधिक मुनाफा नहीं होता है लेकिन कुछ फसलें ऐसी भी होती हैं, जो कम लागत में हमेशा मुनाफा देती हैं. उन्हीं फसलों में से एक है हल्दी की खेती (Turmeric Cultivation). हल्दी की मार्केट में सालों भर डिमांड रहती है. किसान भाई हल्दी की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. हम आपको आज बता रहे हैं कि कैसे हल्दी की खेती करके आप अपनी आर्थिक स्थित सुधार सकते हैं?
हल्दी का वैज्ञानिक नाम कुरकुमा लोंगा है. इसे संस्कृत में हरिद्रा और अंग्रेजी में टरमेरिक कहते हैं. हल्दी की अधिक उपज के लिए सबसे जरूरी है उत्तम किस्म का चुनाव, बोने का समय, बोने का तरीका, बीज की मात्रा, बीजोपचार की विधि, उर्वरक देने की विधि, फसल की देख-रेख आदि.
कब करें हल्दी की बुआई
1. हल्दी की बुआई अप्रैल से अगस्त महीने के बीच की जाती है.
2. जिन क्षेत्रों में सिंचाई की उचित व्यवस्था नहीं होती, वहां मॉनसून की शुरुआत यानी जून के अंत में हल्दी की बुआई की जाती है.
3. यदि खेत में जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो तो मध्य अगस्त तक भी हल्दी की बुआई कर सकते हैं.
कैसी होनी चाहिए मिट्टी और जलवायु
1. हल्दी की खेती के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी अच्छी मानी जाती है. अच्छे जल निकास की व्यवस्था जरूरी है.
2. हल्दी गर्म और आर्द्र दोनों जलवायु में पनप जाती हैं.
अच्छी तरह से करें खेत की जोताई
1. हल्दी की खेती करने से पहले खेत को गहराई से जोतकर खरपतवार हटाना चाहिए.
2. जिस भी खेत में हल्दी की बुआई करनी है, उसे पहले 2-3 बार अच्छे से जोत देना चाहिए, ताकि मिट्टी भुरभुरी हो जाए.
3. मिट्टी जितनी भुरभुरी होगी, उसमें हल्दी उतनी ही अच्छे से बैठेगी.
4. गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालकर मिट्टी की जोताई करनी चाहिए.
ऐसे करें हल्दी की रोपाई
1. हल्दी की रोपाई लाइनों में यानी क्यारियों में की जाती है.
2. हल्दी की रोपाई के लिए 15 सेमी ऊंची, 1 मीटर चौड़ी और 3-4 मीटर लंबी क्यारियां बनाएं.
3. इसके बाद उसमें हल्दी की बुवाई करें.
4. पौधों के बीच 15-20 सेमी और पंक्तियों के बीच 30-45 सेमी की दूरी रखें.
5. हल्दी की खेती के लिए बीज के रूप में हल्दी की गाठें इस्तेमाल होती हैं, गांठों को 5-7 सेमी की गहराई में बोएं.
6. बुआई में प्रति एकड़ लगभग 800-1000 किलो गाठें लगती हैं.
7. हल्दी की फसल की अच्छी बात ये है कि यह छायादार जगह में भी अच्छी पैदावार देती है.
8. ऐसे में यदि आप बागवानी करते हैं तो पेड़ों के बीच की जगह में हल्दी लगा सकते हैं.
कब करें सिंचाई और खाद का इस्तेमाल
1. हल्दी की खेत में बुआई करने के तुरंत बाद इसकी सिंचाई करनी चाहिए.
2. गर्मी में 7-10 दिन और बरसात के बाद 15-20 दिन के अंतराल पर पानी देना बेस्ट माना जाता है.
3. खेत में पानी जमा न होने दें, खरपतवारों को नियमित रूप से निकालें.
4. हल्दी की खेती के लिए जैविक खाद के साथ NPK संतुलित मात्रा में डालना चाहिए.
...तो हो सकती है इतनी कमाई
हल्दी की बुआई के 7-9 महीने बाद हल्दी की पत्तियां पीली होने पर कटाई करें. एक एकड़ में हल्दी की खेती पर लगभग 70000 से 80000 रुपए तक का खर्च आ सकता है. एक एकड़ में औसतन 100 से 150 क्विंटल कच्ची हल्दी का उत्पादन होता है. हल्दी का बाजार मूल्य प्रति क्विंटल करीब 6000 से 10 000 रुपए तक हो सकता है. हालांकि यह बाजार की मांग और क्वालिटी पर निर्भर करता है. यदि प्रति क्विंटल औसत मूल्य करीब 8000 रुपए मानें और पैदावार 125 क्विंटल हो तो कुल कमाई 1000000 रुपए हो सकती है. इस तरह से शुद्ध मुनाफा लगभग 920000 रुपए हो सकता है.